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Jaipur Historical Tourist Palace: अगर आप वीकेंड के समय जयपुर घूमने की प्लानिंग बना रहे हैं और हिस्टोरिकल पैलेस घूमना पसंद करते हैं तो जयपुर के इन पांच ऐतिहासिक जगहों काे जरूर एक्सप्लोर करें. इन जगहों पर जाकर आ…और पढ़ें

अगर आप वीकेंड के समय जयपुर घूमने की प्लानिंग बना रहे हैं और आपको हिस्टोरिकल पैलेस घूमना बहुत अधिक पसंद है. तो, आज हम आपको जयपुर में मौजूद पांच ऐसी हिस्टोरिकल जगह के बारे में जो जगह केवल जयपुर में ही मिलेगी. इन जगहों पर आप आसानी से जा सकते हैं. इन जगहों पर जाकर आपको राजस्थान के इतिहास और विरासत के बारे में जानकारी मिलेगी.

आमेर किला जयपुर के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जिसका निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह प्रथम ने करवाया था. यह किला हिंदू और मुगल वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है. यहां के दीवान-ए-खास, शीश महल और सुख निवास जैसे हॉल अपनी नक्काशी और शीशों की सजावट के लिए प्रसिद्ध हैं. इस किले तक पहुंचने के लिए हाथी की सवारी का अनुभव भी लिया जा सकता है. रात में होने वाली लाइट एंड साउंड शो यहां के इतिहास को जीवंत कर देता है.

हवा महल को जयपुर की पहचान कहा जाता है. हवा महल को 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था. यह एक पांच मंजिला इमारत है, इसकी खासियत इसकी 953 छोटी-छोटी खिड़किया (झरोखे) हैं, जो राजपूत महिलाओं को बाहर का दृश्य देखने के लिए बनाया गया था. इस महल का गुलाबी रंग और नक्काशी इसे और भी आकर्षक बनाती है. इसके अंदर एक संग्रहालय भी है, जहां राजस्थानी संस्कृति से जुड़ी कलाकृतिया देखी जा सकती हैं. हवा महल शहर के मध्य में स्थित होने के कारण आसानी से पहुंचा जा सकता है.

जंतर मंतर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, जिसका निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था. यह खगोलीय वेधशाला पत्थर और धातु से बनी 19 विशाल यंत्रों का संग्रह है, जो सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की गति को मापने के लिए बनाए गए थे. सबसे प्रसिद्ध यंत्र “सम्राट यंत्र” है, जो 27 मीटर ऊंचा है और समय की सटीक गणना कर सकता है. यह स्थल विज्ञान और इतिहास में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी जगह है.

सिटी पैलेस जयपुर का सबसे भव्य ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है. इसका निर्माण 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था. यहां चंद्र महल, मुबारक महल और दीवान-ए-खास जैसे खूबसूरत हॉल हैं, जो राजपूत और मुगल वास्तुकला का अनूठा संगम दिखाते हैं. पैलेस में एक संग्रहालय भी है, जहां पुराने हथियार, पोशाकें और पांडुलिपिया देखने को मिलती है. यहां का प्रवेश द्वार त्रिपोलिया गेट भी काफी प्रसिद्ध है.

जयगढ़ किला आमेर किले के पास स्थित एक विशाल किला है, जिसे विजय का किला भी कहा जाता है. इसका निर्माण 1726 में महाराजा सवाई जयसिंह ने करवाया था. यह किला अपने विशाल तोप जयवाण के लिए भी प्रसिद्ध है, जो दुनिया की सबसे बड़ी तोप मानी जाती है. किले के अंदर एक शस्त्रागार, संग्रहालय और गहरे कुएं हैं. जयगढ़ किला अपने रहस्यों और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है.
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