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नई दिल्ली. सरकार ने साइबर क्रिमिनल के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है. ऐसे में भी साइबर क्रिमिनल भी हाईटेक होकर नए-नए तरीके अपना रहे हैं. सिम कार्ड खरीदने पर सख्ती होने के बाद फ्रॉड करने वाले ठगी का नया तरीका आजमा रहे हैं. अब साइबर क्रिमिनल स्कैम करने के लिए ऐप के जरिए नंबर जनरेट करके मिलते-जुलते भारतीय नंबर्स का सहारा ले रहे हैं. इस गोरखधंधे के बारे में सीएनबीसी-आवाज के असीम मनचंदा ने बताया कि अब साइबर अपराधी ऐप के जरिए मोबाइल नंबर बनाकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. ये नंबर बिल्कुल भारतीय नंबर के समान होते हैं, जैसे- +87, +86, +67, +69, +77, +79 आदि. साइबर क्रिमिनल लोगों को +87, +86, +67, +69, +77, +79 जैसे नंबरों से कॉल कर स्कैम करते हैं. ऐसे कॉल में आपको बताया जाता है कि आपका पार्सल अटक गया है या आपका मोबाइल 2 घंटे के अंदर बंद हो जाएगा या इसी तरह की बातें. अगर आपके पास ऐसे नंबर से कॉल आता है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए.

‘संचार साथी’ पोेर्टल पर कर सकते हैं शिकायत
दूरसंचार ऑपरेटर के मुताबिक, ये नंबर एनक्रिप्ट होते हैं. ऐप जरिए जनरेट होते हैं. इनके ऊपर रोक लगा पाना संभव नहीं है. भारतीय दूरसंचार विभाग ने इसको लेकर एक एडवाइजरी जारी की है कि अगर आपके पास ऐसा कॉल आता है तो आप इसे न उठाइए. इसकी शिकायत ‘संचार साथी’ पोेर्टल पर करिए.

+91 से शुरू होते हैं भारतीय नंबर्स 
गौरतलब है कि भारत के मोबाइल नंबर +91 से शुरू होते हैं. +91 भारत का देश कोड है. इसका इस्तेमाल किसी दूसरे देश से भारत में कॉल करते समय किया जाता है. इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) ने भारत को साल 1960 में +91 कोड दिया था. हर देश का अपना एक कंट्री कोड होता है. जैसे तुर्की का कोड +90, पाकिस्तान का +92, अफ़ग़ानिस्तान का +93 और श्रीलंका का +94 है.

Tags: Cyber Attack, Cyber Fraud

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