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Agency:IANS
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Essential Tremor in Young Age: कई युवाओं को हाथ-पैर कांपने की समस्या होने लगती है, जो किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. आमतौर पर यंग एज में ऐसा नहीं होता है और जिनको यह परेशानी आए, उन्हें डॉक्टर से मिलकर जांच कर…और पढ़ें
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अचानक नशा छोड़ने से युवाओं के हाथ-पैरों में कंपन हो सकता है.
हाइलाइट्स
- युवाओं में हाथ-पैर कांपना बीमारी का संकेत हो सकता है.
- एसेंशियल ट्रेमर और जेनेटिक कंडिशन से हो सकता है कंपन.
- योग और व्यायाम से कंपन की समस्या में सुधार हो सकता है.
Hands Shaking in Young Age: अक्सर आपने बुजुर्ग लोगों को हाथ कांपने की समस्या से जूझते हुए देखा होगा. बुढ़ापे में कई कारण होते हैं, जिसकी वजह से लोगों के हाथ-पैर कांपने लगते हैं और वे अपने रोज के काम भी आसानी से नहीं कर पाते हैं. हालांकि कई बार युवाओं में भी इस तरह की समस्या देखने को मिलती है. जब यह समस्या युवाओं में भी देखने को मिलती है, तो लोगों को टेंशन होने लगती है. अक्सर मन में सवाल उठते हैं कि युवाओं में किस बीमारी की वजह से यह परेशानी हो सकती है? इस बारे में डॉक्टर से बड़ी बातें जानने की कोशिश करते हैं.
दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के डॉ. ध्रुव जुत्शी के मुताबिक बुजुर्गों में हाथ-पैर कांपने की समस्या मुख्य रूप से एसेंशियल ट्रेमर (Essential Tremor) के कारण होती है. यह समस्या तब होती है, जब किसी बुजुर्ग का हाथ लंबे समय तक स्थिर रहता है. यह अक्सर किसी एक्टिविटी के दौरान होता है, लेकिन कभी-कभी यह जेनेटिक भी हो सकता है. अगर परिवार में किसी सदस्य को इस समस्या का सामना करना पड़ा हो, तो युवावस्था में भी यह समस्या पैदा हो सकती है. इस स्थिति में हाथ और पैरों में कंपन तब महसूस होती है जब व्यक्ति कोई चीज पकड़ने या काम करने की कोशिश करता है.
डॉ. जुत्शी बताते हैं कि एक जेनेटिक कंडिशन होती है, जिसे स्पाइनल सेरेबेलर एटैक्सिया कहा जाता है. इस स्थिति में भी हाथों और पैरों में जवानी में ही कंपन की समस्या देखने को मिलती है. जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है, व्यक्ति को संतुलन बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है. हायपरथायरॉइडिज्म की स्थिति में भी युवाओं में कंपन की समस्या देखने को मिलती है. जब शरीर में थायरॉइड का स्तर काफी बढ़ जाता है, तो भी कंपन की समस्या उत्पन्न हो सकती है. अगर इस प्रकार की स्थिति किसी युवा में दिख रही हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि आगे चलकर यह स्थिति गंभीर न हो जाए.
इसके अलावा अचानक नशा छोड़ने पर विदड्रॉअल सिंड्रोम (Withdrawal Syndrome) की स्थिति में भी शरीर में कंपन हो सकती है. इस स्थिति में मरीजों के शरीर में कंपन की समस्या होती है, लेकिन यह उन लोगों से अलग होती है जो नशे का सेवन नहीं कर रहे होते. इस तरह की समस्या का कारण आमतौर पर बहुत ज्यादा एंजाइटी होती है. अगर व्यक्ति नशे से दूर रहकर अपनी जीवनशैली में सुधार लाता है, तो इस तरह की समस्या धीरे-धीरे खत्म हो सकती है. डॉक्टर का कहना है कि हाथ-पैरों में कंपन से बचने का सबसे सरल उपाय योग और व्यायाम है. अगर व्यक्ति रोजाना योग और व्यायाम करता है, तो उसे अपने शरीर में सकारात्मक बदलाव महसूस होंगे और वह इस समस्या से काफी हद तक निजात पा सकता है.
February 19, 2025, 10:35 IST
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