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Colon Cancer: अनहेल्दी लाइफस्टाइल से कोलन कैंसर बढ़ रहा है. लक्षणों में भूख न लगना, वजन घटना, दस्त, कब्ज, कमजोरी, पेट दर्द शामिल हैं. बचाव के लिए हेल्दी डाइट लें और धूम्रपान, शराब से बचें.

जानलेवा कोलेन कैंसर के ये हैं शुरुआती लक्षण और बचाव. (Canva)
हाइलाइट्स
- कोलन कैंसर के लक्षणों में भूख न लगना, वजन घटना शामिल हैं.
- बचाव के लिए हेल्दी डाइट लें और धूम्रपान, शराब से बचें.
- कोलन कैंसर की समय पर स्क्रीनिंग कराना भी जरूरी है.
Colon Cancer: आजकल की अनहेल्दी लाइफस्टाइल सेहत पर भारी पड़ रही है. इसके चलते कई जानलेवा बीमारियां हमारे शरीर को शिकार बना रही हैं. कोलन कैंसर ऐसी ही गंभीर बीमारियों में से एक है. कोलन कैंसर को पेट का कैंसर या फिर आंतों का कैंसर भी कहा जाता है. यह पूरी दुनिया भर में तीसरा सबसे आम कैंसर है. जी हां, कैंसर का यह प्रकार हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ा है. पिछले कुछ समय में इसके मामलों में बढ़ोतरी देखी गई हैं. मेडिकल साइंस की मानें तो कैंसर के इस प्रकार में आंत का कैंसर और मलाशय का कैंसर एक साथ हो सकता है, इसलिए इसे कोलोरेक्टल कैंसर कहा जाता है. कोलन कैंसर की शुरुआत सामान्यता बड़ी आंत में छोटी कोशिकाओं के थक्कों जमने से शुरू होती है. अब सवाल है कि आखिर शरीर के कई अंगों को डैमेज करने वाला कोलन कैंसर क्या है? कोलन कैंसर की कैसे होती है शुरुआत? कोलन कैंसर के लक्षण और बचाव क्या हैं? आइए जानते हैं इस बारे में-
कोलन कैंसर की कैसे होती है शुरुआत
मायो क्लीनिक की खबर के अनुसार, कोलन हमारे शरीर की बड़ी आंत है और मलाशय वह हिस्सा होता है जो कोलन को एनस यानी गुदा से कनेक्ट करता है. कोलन और मलाशय मिलकर बड़ी आंत का निर्माण करते हैं. यह दोनों ही हमारे पाचन क्रिया का एक अहम हिस्सा होते हैं. कोलन और मलाशय की दीवार कई परतों की बनी होती है और ज्यादातर कोलन या फिर कोलोरेक्टल कैंसर की शुरुआत इन दीवार की अंदरूनी परतों से शुरू होता है.
कोलन कैंसर से बचाव के उपाय
कोलोरेक्टल कैंसर से बचने के लिए यदि आपके पेट में लगातार अपच की समस्या हो तो स्क्रीनिंग जरूर कराएं. इसके बाद सबसे जरूरी है कि कार्बोहाइड्रेट से भरपूर संतुलित भोजन लें. इसके लिए डेली रुटीन में हेल्दी डाइट लें. साथ ही, कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन करें. एक सबसे जरूरी बात धूम्रपान या फिर शराब का सेवन को तुरंत बंद कर दें.
कोलोरेक्टल कैंसर के शुरुआती लक्षण
- भूख न लगना
- तेजी से वजन घटना
- मल त्याग की आदतों में बदलाव
- दस्त या कब्जियत लगातार महसूस होना
- कमजोरी या थकान महसूस होना
- हीमोग्लोबिन में कमी आना
- लगातार पेट में दर्द या बेचैनी रहना
- मल में लाल या काले रंग का खून आना
- बार बार वॉमिटिंग होना
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