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क्रांति धरा मेरठ के बारे में किताबों में काफी कुछ पढ़ा था. ऐसे में मेरठ पहुंच कर जब शहीद स्मारक सहित विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया तो यह हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पल बन गया. हम किताबों से निकलकर वास्तविक धरा पर क्रांति कि उस गाथा का अनुभव कर रहे हैं. यह बात लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए भारत सरकार एवं नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित वतन को जानो कार्यक्रम में कश्मीरी युवाओं ने कहीं.
आने से पहले मन में थे काफी सवाल
लोकल -18 से खास बातचीत करते हुए बड़गांव की रहने वाली ईरा इब्राहिम ने कहा कि उन्हें मेरठ विजिट करने का अवसर मिला. यह उनके लिए काफी ऐतिहासिक है, क्योंकि ऐतिहासिक धरोहर के बारे में उन्होंने काफी सुना था. उन्होंने बताया कि वह अब यहां के विभिन्न पलों को कैमरे में कैद करके ले जाएंगी. कश्मीर में बताएंगी कि मेरठ के लोगों ने किस तरीके से उनका भव्य स्वागत किया है. इसी तरह बारामूला से आई नरगिस आबिद ने कहा कि जब वह कश्मीर से मेरठ आने के लिए प्लान कर रही थीं, तो उनके मन में अनेकों सवाल थे, लेकिन जिस तरीके से यहां उनका स्वागत हुआ है और जिस तरीके से लोगों ने देखभाल किया है सचमुच यह पल उनके लिए काफी यादगार बन गया है. उन्होंने इस कार्यक्रम की भी प्रशंसा की.
आगे भी सरकार करें ऐसे कार्यक्रम
कश्मीर से आए जुबेर ने कहा कि सरकार को इस तरह के कार्यक्रम को समय-समय पर आयोजित करना चाहिए. उन्होंने बताया कि उनके ग्रुप में जो युवा हैं. उनमें से काफी ऐसे हैं जो बिल्कुल बॉर्डर के पास रहते हैं. ऐसे में पहली बार सभी युवाओं को ‘वतन को जानो’ अपॉर्चुनिटी मिली है. इससे सभी उत्साहित हैं. अगर समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे, तो हम कश्मीरी भी भारतीय संस्कृति के साथ आगे बढ़ते हुए एक नया इतिहास रच पाएंगे.
132 युवाओं की टीम आई है मेरठ
बताते चलें कि वतन को जानो कार्यक्रम के तहत कश्मीर के श्रीनगर, पुलवामा, अनंतनाग, बारामूला, बड़गाम, कुपवाड़ा से कुल 132 युवाओं की टीम मेरठ पहुंची है. जिसमें कुल 12 टीम लीडर हैं. वहीं 77 छात्र एवं 43 छात्राएं शामिल हैं. खास बात यह है कि पहली बार इस तरह का कोई कार्यक्रम मेरठ में आयोजित हुआ है, जिसमें कश्मीरी युवा, मेरठ की क्रांति धरा से रूबरू हो रहे हैं.
Tags: Government of India, Government of Uttar Pradesh
FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 16:14 IST
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