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राजेंद्र नाविक, कुशीनगर के पनियहवा में नारायणी नदी में नाव चलाते हैं और अब तक 50 से अधिक लोगों की जान बचा चुके हैं. वे बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद करते हैं और प्रशासन से कोई सहायता नहीं मिली है.
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हाइलाइट्स
- राजेंद्र नाविक ने 50 से अधिक लोगों की जान बचाई.
- विधायक जटाशंकर त्रिपाठी को भी नदी से बचाया.
- प्रशासन से कोई सहायता नहीं मिली.
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर कुशीनगर में बहती नारायणी नदी बहुत खास है. ये नदी नेपाल से निकलकर त्रिवेणी होती हुई कुशीनगर के पनियहवा से बिहार जाती है. पनियहवा में नारायणी नदी पर एक रेलवे और एक सड़क पुल है जो उत्तर प्रदेश और बिहार को जोड़ता है. इस पुल से नदी का नज़ारा बहुत सुंदर दिखता है. यहां से बिहार या नेपाल जाने वाले बहुत से लोग पुल पर रुककर फोटो और रील बनाते हैं. लेकिन कई बार रील बनाने के चक्कर में लोग नदी में गिर जाते हैं और अपनी जान गंवा देते हैं. कुछ लोग तो जान देने के लिए भी पुल से नदी में कूद जाते हैं.
राजेंद्र नाविक बने लोगों के मसीहा
लेकिन इस सबके बीच एक ऐसे हीरो हैं जो ऐसे लोगों की जान बचाते हैं. राजेंद्र नाविक नदी में नाव चलाते हैं. सैलानियों को नदी में घुमाना हो या नदी पार कराना हो, राजेंद्र हमेशा तैयार रहते हैं. जब भी कोई नदी में गिरता है, राजेंद्र अपनी जान की परवाह किए बिना नदी में कूद पड़ते हैं और डूबते हुए को बचा लेते हैं. राजेंद्र अब तक 50 से भी ज़्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं. इतना बड़ा काम करने के बाद भी राजेंद्र कभी किसी से पैसे नहीं लेते. उनका कहना है कि वो ये सब इंसानियत के नाते करते हैं.
राजेंद्र नाविक ने विधायक जी की बचाई जान
एक बार इस क्षेत्र के विधायक जटाशंकर त्रिपाठी नदी में नाव से जा रहे थे कि उनकी नाव खराब हो गई. विधायक जी को नदी से निकालने के लिए पूरा प्रशासन लगा हुआ था. आखिर में राजेंद्र नाविक ने ही विधायक जी को अपनी नाव में बैठाकर नदी से बाहर निकाला. राजेंद्र बताते हैं कि वो 10 साल से नारायणी नदी में नाव चला रहे हैं और अब तक 50 से ज़्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं. लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की. फिर भी राजेंद्र का कहना है कि जब तक वो हैं, तब तक कोई भी पनियहवा पुल से नारायणी नदी में डूब नहीं सकता.
Kushinagar,Uttar Pradesh
February 22, 2025, 13:11 IST
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