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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत दिल्ली, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) और हिमाचल प्रदेश में फैले अंतरराज्यीय ड्रग तस्करों के गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस ऑपरेशन में पांच शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक एमबीए डिग्रीधारी भी शामिल है. पुलिस ने तस्करों के कब्जे से ट्रामाडोल, नाइट्राजेपम और एलप्राजोलम जैसी मादक दवाएं बरामद की हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत पांच लाख रुपये से अधिक है.
ANTF द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की जांच के तहत, सबसे पहले आरोपी विकास (20) को दिल्ली के नरेला इलाके से गिरफ्तार किया गया. उसके पास से ट्रामाडोल और डाइसाइक्लोमीन युक्त 6720 कैप्सूल जब्त किए गए. आगे की पूछताछ में सोनीपत के गन्नौर में मेडिकल स्टोर चलाने वाले सुधीर (43) को पकड़ा गया, जिसकी मेडिकल दुकानों से 505 एलप्राजोलम और 664 ट्रामाडोल कैप्सूल बरामद हुए.
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पूछताछ के दौरान एक और अहम नाम सामने आया – सुनील कुमार भारद्वाज उर्फ नीतू, जो इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड बताया गया है और सुधीर का पार्टनर है. सुनील को पुलिस ने 5 अप्रैल को नरेला से गिरफ्तार किया. उसके ठिकाने से मिली जानकारी पर आगे छापा मारा गया और अजीत उर्फ जीतू (32) निवासी संगम विहार को गिरफ्तार किया गया, जो एमबीए डिग्रीधारी है और दिल्ली-गोरखपुर ड्रग सप्लाई चैन का मुख्य सेतु था.
जीतू की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने गोरखपुर निवासी अम्बर अग्रहरि उर्फ पांडे (43) को दिल्ली के पहाड़गंज स्थित होटल से पकड़ा. उसके पास से ₹1.16 लाख नकद बरामद हुए. अम्बर ने बताया कि वह अपने पार्टनर सुरेंद्र नाथ पांडे के साथ मिलकर गोरखपुर में मेडिकल स्टोर के नाम पर यह गैरकानूनी धंधा चला रहा था. ये लोग फार्मास्यूटिकल कंपनियों से दवाइयां खरीदकर उन्हें अवैध तरीके से दिल्ली भेजते थे, जिनका उपयोग नशे के तौर पर किया जाता था.
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बरामदगी का ब्योरा:
- 18,000 ट्रामाडोल टैबलेट्स (1.8 किग्रा)
- 7,380 ट्रामाडोल कैप्सूल (369 ग्राम)
- 7,400 नाइट्राजेपम टैबलेट्स (ELZA-10)
- 505 एलप्राजोलम टैबलेट्स
- एक स्प्लेंडर बाइक
- ₹1.85 लाख नकद,
- 5 मोबाइल फोन
इस अभियान का नेतृत्व इंस्पेक्टर राकेश दुहान ने किया, जिसमें SI विष्णु कुमार, ASI संजय, HC सिखंदर समेत पूरी टीम ने शानदार समन्वय दिखाया. ऑपरेशन की निगरानी ACP राज कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई. पुलिस का कहना है कि यह “टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप” जांच पद्धति का बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें पूरे सप्लाई चेन को ध्वस्त किया गया. आगे की जांच में इस नेटवर्क से जुड़े और लोगों की तलाश जारी है.
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