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Plots and Flats Near Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट के पास सबसे सस्ते प्लॉट, एयरपोर्ट से बस कुछ मिनटों की दूरी पर शानदार रेजिडेंशियल सोसायटी में खरीदें सस्ते फ्लैट, कौड़ियों के दाम में एयरपोर्ट के नजदीक खरीदें जमीन जैसे तमाम ऑफरों वाले विज्ञापन आपने सोशल मीडिया से लेकर जेवर एयरपोर्ट के आसपास लगे होर्डिंग्स पर देखे होंगे और इन्हें देखकर आपका भी मन वहां प्लॉट या जमीन खरीदने का कर रहा है तो जरा ठहर जाइए. कहीं ऐसा न हो कि आपकी जीवन की जमा पूंजी यहां जालसाजों के चक्कर में फंस जाए और आपको कंगाली हाथ लगे.
यही वजह है कि यूपी सरकार और यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने एयरपोर्ट की आड़ में यहां पनप रहे गैर-कानूनी कारोबार या भू-माफियाओं की गतिविधि को पनपने न देने का फैसला किया है.हाल ही में यीडा के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि जेवर एयरपोर्ट आसपास के इलाकों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से जोड़ने के साथ-साथ पारदर्शी रियल एस्टेट सिस्टम का उदाहरण बनेगा. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की टीम लगातार निगरानी कर रही है ताकि किसी को भी अवैध प्लॉटिंग या फर्जी निवेश योजनाओं के माध्यम से लोगों को ठगने का मौका न मिले. इसके लिए पुलिस और प्रशासन के सहयोग से एक सख्त कार्ययोजना तैयार की गई है.
बता दें कि सस्ते प्लॉटों का सपना दिखा दिखाकर यहां कॉलोनाइजरों द्वारा अवैध या अनधिकृत तरीके से निर्माण कार्य करने की शिकायतें मिल रही हैं. यही वजह है कि हाल के महीनों में कई जगहों पर अवैध प्लॉटिंग को चिन्हित कर बुलडोजर चलाए गए हैं और कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई है. ऐसे में यीडा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि जिन क्षेत्रों में अवैध कॉलोनाइज़ेशन या अनधिकृत निर्माण की शिकायत मिलेगी, वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं प्राधिकरण का लक्ष्य है कि जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र में केवल स्वीकृत परियोजनाएं ही विकसित हों, ताकि निवेशकों और खरीदारों दोनों का भरोसा बना रहे.
सख्ती से होगा सुधार
यीडा के इस कदम पर रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि इस सख्ती से बाजार में पारदर्शिता आएगी और वैध डेवलपर्स को प्रोत्साहन मिलेगा. इससे निवेशक निश्चिंत होकर यहां प्रोजेक्ट्स में निवेश कर पाएंगे. जेवर एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में पहले से ही सड़क, बिजली, जल और परिवहन जैसी सुविधाओं में भारी सुधार हो रहा है. आने वाले वर्षों में यहां औद्योगिक हब, आईटी पार्क और आधुनिक टाउनशिप्स के विकसित होने की संभावनाएं हैं.
एनसीआर के लिस्टेड डेवलपर निम्बस रियल्टी के सीईओ साहिल अग्रवाल ने बताया कि अब तक कुछ फर्जी कॉलोनाइजरों की वजह से वास्तविक प्रोजेक्ट्स की छवि पर असर पड़ रहा था लेकिन जेवर एयरपोर्ट के आसपास की जमीनों में अब केवल वैध और स्वीकृत परियोजनाओं को ही अनुमति दी जाएगी जिससे क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी. इसके साथ ही लिस्टेड डेवलपर्स को तवज्जो दी जाएगी. अगले 3–5 वर्षों में यह इलाका निवेश के लिहाज से देश के सबसे आकर्षक जोन में शामिल होगा.
मिगसन के एमडी यश मिगलानी कहते हैं कि जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट उत्तर भारत का आर्थिक इंजन बनने जा रहा है. अब जब प्राधिकरण अवैध गतिविधियों पर सख्त है, तो इससे बाजार में साफ-सुथरा माहौल बनेगा. आने वाले वर्षों में यहां कॉर्पोरेट पार्क, वेयरहाउसिंग जोन, और मिड-सेगमेंट हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की मांग तेज़ी से बढ़ेगी.वहीं अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल कहते हैं कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण ने वेस्ट यूपी के रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान फूंक दी है. यह देखकर खुशी होती है कि सरकार और यीडा अवैध प्लॉटिंग पर कड़ा रुख अपना रहे हैं. पारदर्शी नीतियां इस क्षेत्र को एक मॉडल स्मार्ट रीजन में बदल सकती हैं.
ग्रुप 108 के प्रबंध निदेशक संचित भूटानी कहते हैं कि जेवर एयरपोर्ट आने वाले समय में दिल्ली-एनसीआर की IT और कमर्शियल डिमांड को और बढ़ाएगा. यहां तेजी से विकसित हो रहे औद्योगिक कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी और एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से हजारों रोजगार पैदा होंगे.यीडा की कार्रवाई यहां की प्रगति को बढ़ाएगी.
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