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जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत चार दिन में साइबर फ्रॉड मामलों का खुलासा किया है, जिसमें कुल 7 करोड़ रुपए की ठगी की गई है. पुलिस ने इन मामलों में 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 11 य…और पढ़ें

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जोधपुर पुलिस की दहाड़ से अपराधियों में दहशत, साइबर ठगी करने वालों पर कसा शिकंजा, छापेमारी में ये चीजें बरामद

साइबर ठगी के चार मामलों का खुलासा, 7 करोड़ का फ्रॉड, 15 आरोपी गिरफ्तार 

जोधपुर:- साइबर ठगी करने वाले शातिर भले यह सोच रहे होंगे कि पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी, मगर जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट टीम की बात करें, तो डीसीपी पश्चिम राजर्षि राज वर्मा ने साइबर अपराध को काफी गंभीरता से लिया. उसी का नतीजा है कि साइबर अपराधियों पर इस तरह का पंजा मारा कि उनके होश उड़ गए. पुलिस कमिश्नरेट के ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत चार दिन में साइबर फ्रॉड मामलों का खुलासा किया है, जिसमें कुल 7 करोड़ रुपए की ठगी की गई है. पुलिस ने इन मामलों में 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 11 युवतियां शामिल हैं.

डीसीपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत चार महत्वपूर्ण मामलों का खुलासा किया गया. इनमें से दो मामलों में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया, जिनसे 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. एक अन्य मामले में सोशल मीडिया के माध्यम से यूएसडीटी का अवैध लेन-देन कर ठगी करने वाले एक युवक को पकड़ा गया. चौथे मामले में एक आरोपी को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले से गिरफ्तार किया गया, जिसने एक बुजुर्ग को फ्रेंड्स क्लब का झांसा देकर 42 लाख रुपए की ठगी की थी.


कार मालिकों के डेटा चुराते, युवतियां झांसे में लेती

डीसीपी ने बताया कि इन मामलों में पुलिस ने 10 क्रेडिट कार्ड, 37 एटीएम कार्ड, 52 सिम कार्ड और 35 मोबाइल बरामद किए हैं. इस ऑपरेशन के तहत 203 मोबाइल नंबर और 799 आईएमआई नंबर को ब्लॉक करवाया गया है, जो साइबर क्राइम में उपयोग हो रहे थे. भगत की कोठी थानाधिकारी व एसआइ पदमा के नेतृत्व में पुलिस ने डीडीपी नगर के मकान में चल रहे कॉल सेंटर में दबिश देकर केबीएचबी निवासी कंचन प्रजापत को गिरफ्तार किया. उससे एक मोबाइल व दो रजिस्टर जब्त किए.

संचालक गौरव पंजाबी व अमित सिंह उर्फ हन्नीसिंह नेशनल ब्रेक डाउन सर्विस टू इंडिया नाम से कॉल सेंटर चला रहे थे. दोनों पकड़े नहीं गए हैं. दोनों युवक वाहन डीलर या कम्पनियों से नई कार खरीदने वालों के डेटा चुराकर वॉट्सएप ग्रुप में सेंटर की 5-6 युवतियों को देते थे. जो मोबाइल पर सम्पर्क करती थीं और कार खराब होने पर 3500 से 4000 रुपए में सर्विस मुहैया करवाने का झांसा देती थीं. ऑनलाइन रुपए जमा होने पर कूरियर के मार्फत कार्ड भेजकर सिम तोड़कर फेंक देती थी. यह कॉल सेंटर एक साल से चल रहा था.

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फ्रेंड्स क्लब की सदस्यता के नाम पर ठगी राशि 
बासनी थाना क्षेत्र में एक 57 वर्षीय बुजुर्ग को कॉल कर एक व्यक्ति ने उसे महिलाओं से संपर्क करवाने के लिए फ्रेंड्स क्लब में सदस्यता दिलाने का झांसा दिया. बुजुर्ग व्यक्ति ने उसकी बातों में आकर क्लब की सदस्यता के लिए शुल्क जमा किया. इसके बाद आरोपी ने बुजुर्ग को कुछ वीडियो भेजकर उसे ब्लैकमेल किया और 42 लाख रुपए से अधिक की ठगी की. इस मामले में बासनी पुलिस ने जांच शुरू की और पता चला कि मुख्य आरोपी पश्चिम बंगाल के मिदनापुर क्षेत्र का रहने वाला है. बासनी थाने के सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम वहां भेजी गई, जिसने आरोपी अश्विनी ओझा को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से 1 लाख रुपए नकद भी बरामद किए गए हैं.

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जोधपुर पुलिस की दहाड़ से अपराधियों में दहशत, साइबर ठगी करने वालों पर एक्शन

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