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जोधपुर में मीजल्स का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, रोजाना 10-12 बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. कोविड के दौरान वैक्सीनेशन कम होने से केस बढ़े हैं. टीकाकरण और सही इलाज से बचाव संभव है.

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जोधपुर में तेजी से फैल रहा ये वायरस, माता-पिता बच्चों को जरूर लगवाएं ये टीका, इतने साल के चाइल्ड को खतरा

सावधानः जोधपुर में फैल रहा ये वायरस

हाइलाइट्स

  • जोधपुर में मीजल्स का संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
  • रोजाना 10-12 बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं.
  • टीकाकरण और सही इलाज से मीजल्स से बचाव संभव है.

जोधपुर:- मीजल्स (खसरा, ओरी, छोटी माता) का संक्रमण जोधपुर में तेजी से फैल रहा है. शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल और उम्मेद अस्पताल में रोजाना करीब 10 से 12 बच्चे भर्ती हो रहे हैं, जिनमें से कुछ गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं. हालांकि, मेडिकल कॉलेज के अधीन अस्पतालों ने संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी भूमिका निभाई जा रही  है, जिसके चलते अब तक किसी की मौत नहीं हुई है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष परखा का कहना है कि जोधपुर के अधीन भर्ती बच्चों को क्लिनिकल मीजल्स है. हालांकि इस बीमारी काे टीकाकरण से रोका जा सकता है.

क्या है बीमारी का कारण?
मीजल्स के बढ़ते केस का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान रूटीन वैक्सीनेशन कम होने के कारण मीजल्स के केस फिर बढ़ने लगे हैं. बचाव के लिए मीजल्स का टीका अवश्य लगवाएं. मीजल्स संक्रमण से बचाने और संक्रमित बच्चों की सही देखभाल के लिए संक्रमित बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाएं, घर में रखने से बचें ओर घरेलू नुस्खों या अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए. सही मेडिकल ट्रीटमेंट लेना चाहिए.ये मुख्यत 9 माह से 12 साल तक के बच्चे में संक्रमण देखने को मिलता है.


सर्दी खत्म होते ही बढ़ता संक्रमण

मथुरा दास माथुर अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर मनीष पारख ने Local 18 को बताया कि मीजल्स का संक्रमण आमतौर पर सर्दी खत्म होने और गर्मी शुरू होने पर तेजी से फैलता है. यह एक वायरल बीमारी है, जो संक्रमित बच्चे से हवा के माध्यम से अन्य बच्चों तक पहुंच रही है. मार्च में इस संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि दर्ज की गई है. मीजल्स बचाव के लिए मीजल्स का टीका अवश्य लगवाना चाहिए .

कैसे फैलता है संक्रमण ?
मीजल्स का संक्रमण खांसी और छींक के दौरान निकलने वाली बूंदों (ड्रॉपलेट्स) से फैलता है। इसके मुख्य लक्षण तीन C-खांसी, नाक बहना और आंखों का लाल होना होता है. डॉ. मनीष पारख ने बताया कि मीजल्स एक वायरल बीमारी है, जो सही इलाज से ठीक हो सकती है. माता-पिता को समय पर वैक्सीनेशन और इलाज पर ध्यान देना चाहिए. संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्क रहना जरूरी है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है.

बच्चों के लिए अलग आइसोलेशन वार्ड
उम्मेद अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मोहन मकवाना ने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अस्पताल में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. इससे अन्य बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा. मार्च में मामलों की बढ़ोतरी को देखने को मिले थे. लेकिन बढ़ते मामले को देखते हुए अस्पताल सुविधाओं का विस्तार ओर अधिक किया जा रहा है.


मीजल्स से बचाव और देखभाल के उपाय
मीजल्स संक्रमण से बचाने और संक्रमित बच्चों की सही देखभाल के लिए विशेषज्ञों ने कुछ अहम सुझाव दिए हैं:
1. संक्रमित बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाएं, घर में रखने से बचें.
2. घरेलू नुस्खों या अंधविश्वास में न पड़ें, सही मेडिकल ट्रीटमेंट लें.
3. बच्चे को साफ-सुथरे और हवादार स्थान पर रखें, अन्य बच्चों से दूर रखें.
4. डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं और आहार का सख्ती से पालन करें.
5. बच्चे को विटामिन ए की कमी न हो, इसके लिए विटामिन ए का घोल दें.
6. समय पर इलाज न मिलने से स्थिति गंभीर हो सकती है, जिससे निमोनिया और मस्तिष्क संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती है.
7. बच्चों का नियमित टीकाकरण करवाएं, ताकि मीजल्स का प्रभाव कम हो.

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