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Marigold cultivation : इसकी खेती किसानों की आय बढ़ा रही है. कम लागत और अधिक मुनाफे के कारण ये तेजी से लोकप्रिय हो रही है. सरकार की सहायता और बाजार में बढ़ती मांग के कारण भी किसान इसके प्रति आकर्षित हैं.

जौनपुर के किसान सद्दाम हुसैन
हाइलाइट्स
- जौनपुर के किसान गेंदे की खेती से लाखों कमा रहे हैं.
- कम लागत और अधिक मुनाफे के कारण लोकप्रिय.
- सरकारी सहायता और बाजार की मांग से किसान आकर्षित.
जौनपुर. यूपी के जौनपुर के किसान पारंपरिक खेती से हटकर गेंदे की खेती कर रहे हैं. आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजार की बढ़ती मांग को देखते हुए कई किसानों ने हजारों की लागत से गेंदे की खेती शुरू की है, जिससे वे अब लाखों की कमाई कर रहे हैं. जौनपुर में गेंदे के फूल की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है. किसान सद्दाम हुसैन का कहना है कि गेहूं और धान जैसी पारंपरिक फसलों के मुकाबले गेंदे की खेती कम समय में अधिक लाभ देती है. मात्र 70 से 80 दिनों में गेंदे के फूल तैयार हो जाते हैं और इनकी मांग सालभर बनी रहती है. शादी-विवाह, पूजा-पाठ, त्योहारों और सजावट में बड़े पैमाने पर इन फूलों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिलते हैं.
कम लागत, ज्यादा मुनाफा
किसान बताते हैं कि गेंदे की खेती के लिए प्रति बीघा लगभग 10,000 से 15,000 रुपये की लागत आती है, जबकि एक फसल से 80,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है. ये परंपरागत फसलों की तुलना में कहीं अधिक लाभकारी है. उर्वरक, सिंचाई और कीटनाशक का खर्च भी अन्य फसलों की तुलना में कम होता है, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा हो रहा है.
सरकार की सहायता
गेंदे की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी सहायता कर रही है. जिला उद्यान अधिकारी सीमा सिंह राणा कहती हैं कि किसानों को उन्नत बीज, जैविक खाद और उचित देखभाल की जानकारी दी जा रही है. जौनपुर में उगाए जा रहे गेंदे के फूल न केवल स्थानीय बाजारों में बल्कि लखनऊ, वाराणसी और प्रयागराज जैसे शहरों में भी भेजे जा रहे हैं. कुछ किसान अब इसे ऑनलाइन बेचने और बाहर के राज्यों में सप्लाई करने की योजना बना रहे हैं. इससे गेंदे की खेती करने वाले किसानों को और अधिक आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है.
जानें आगे का प्लान
गेंदे की खेती से लाभ कमा रहे किसानों का कहना है कि वे अगले साल और अधिक क्षेत्र में इसकी खेती करने की योजना बना रहे हैं. वे नए किस्मों के फूल उगाने और बेहतर मार्केटिंग रणनीतियां अपनाने की भी सोच रहे हैं. सरकार की सहायता और बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले वर्षों में किसान इस ओर और आकर्षित होंगे. इससे जौनपुर को फूलों की खेती के लिए नई पहचान मिलेगी.
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