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जौनपुर के गौतम सिंह ने यूपीएससी में 526वीं रैंक हासिल की है. गौतम की सफलता जौनपुर के शिक्षा जगत और युवाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

Gautam Singh
जौनपुर: जिले के एक छोटे से गांव सोनिकपुर से निकलकर देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा यूपीएससी में 526वीं रैंक हासिल कर गौतम सिंह ने न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे जनपद का नाम रोशन किया है. मंगलवार को आए परिणाम के बाद जैसे ही यह खबर फैली, नेहरू बालोद्यान स्कूल परिसर और उनके पैतृक गांव में बधाई देने वालों का तांता लग गया.
हिस्ट्री ऑनर्स से है स्नातक
गौतम सिंह, नेहरू बालोद्यान स्कूल के चेयरमैन डॉ. सीडी सिंह के पुत्र हैं. मूल रूप से सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सोनिकपुर गांव निवासी डॉ. सिंह के दूसरे पुत्र गौतम की सफलता का यह सफर किसी प्रेरणादायक कथा से कम नहीं है. इंटरमीडिएट तक की शिक्षा गौतम ने जौनपुर के नेहरू बालोद्यान से प्राप्त की. इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख किया, जहाँ उन्होंने हिस्ट्री ऑनर्स में स्नातक की डिग्री हासिल की.
पांचवें प्रयास में मिली सफलता
दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई के दौरान ही गौतम ने अपने भीतर छुपे उस अधिकारी बनने के सपने को महसूस किया और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. इतिहास से स्नातक करने के बाद उन्होंने दिल्ली सेंट्रल ला कैंपस से एलएलबी में दाखिला लिया. कानून की पढ़ाई के साथ-साथ वे अपने लक्ष्य को लेकर लगातार मेहनत करते रहे. पांचवें प्रयास में आखिरकार वह दिन आ ही गया जब उनकी वर्षों की तपस्या रंग लाई और उन्होंने 526वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की.
धैर्य और सकारात्मक सोच से मिला लक्ष्य
गौतम अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों को देते हैं. उनका मानना है कि निरंतरता, धैर्य और सकारात्मक सोच ही किसी भी लक्ष्य तक पहुँचने की कुंजी है. गौतम ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर लगन और समर्पण हो, तो किसी भी संसाधन की कमी आपके रास्ते की रुकावट नहीं बन सकती.
गांव से लेकर शहर तक इस उपलब्धि पर गौरव की अनुभूति हो रही है. एक साधारण पृष्ठभूमि से आकर असाधारण मुकाम तक पहुंचना युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. गौतम की सफलता जौनपुर के शिक्षा जगत और युवाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
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