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Wet Wipes Use in Toilet: अगर आप शौच के बाद वेट वाइप्स यानी मेडिकेटेड पेपर का यूज करते हैं तो इसे छोड़ दीजिए क्योंकि इससे भयंकर नुकसान हो सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि इससे स्किन का माइक्रोबायोम खराब हो जाता ह…और पढ़ें
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भीगे पेपर का इस्तेमाल खतरनाक.
हाइलाइट्स
- वेट वाइप्स का इस्तेमाल बहुत खराब हो सकता है.
- लगातार उपयोग से बवासीर का खतरा बढ़ सकता है.
- वेट वाइप्स से स्किन में इरीटेशन और रैशेज हो सकते हैं.
Wet Wipes Use in Toilet: कुछ लोग सोचते हैं कि वेट वाइप्स मेडिकेटेड होते हैं तो टॉयलेट पेपर में इसका यूज करना बहुत फायदेमंद होता है. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आप गलत हैं. एनल सर्जन डॉ. इवान कहते हैं कि बच्चों में खासकर गीले पेपर का लोग यूज करते हैं. वे सोचते हैं कि इससे बैक्टीरिया और फंगस का खात्मा हो जाएगा. इसमें कोई संदेह नहीं कि इससे वह जगह क्लीन हो जाती है लेकिन अगर आप इसे लगातार करते हैं तो इससे आपको कई तरह के स्थायी नुकसान हो जाएंगे. ऐसा क्यों, आइए इसके बारे में जानते हैं.
स्किन के माइक्रोबायोम हो जाता खराब
गीले वाइप्स यानी पेपर में एंटीबैक्टीरियल केमिकल होते हैं. इसमें अल्कोहल भी होता है. वहीं इसमें अमोनिया भी होता है. वहीं इसमें खुशबू के लिए भी फ्रेगरेंसेज मिलाए जाते हैं. इसके अलावा एसेंशियल ऑयल भी होता है. निश्चित रूप से जब इस वेट वाइप्स से पोछते हैं तो स्किन में बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है. लेकिन इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि वेट वाइप्स आपकी स्किन के माइक्रोबायोम को खत्म कर देता है जिससे स्थायी रूप से आपको परेशानी हो सकती है.
इसका मतलब आप इस तरह से समझिए कि जिस तरह आपके पेट के अंदर खरबों सूक्ष्म जीव होते हैं उसी तरह स्किन में खरबों बैक्टीरिया, फंगस जैसे सूक्ष्मजीव होते हैं. यह स्किन का एक वातावरण तैयार करता है. इसमें अधिकांश सूक्ष्मजीव हमारे लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ये सब मिलकर स्किन के बाहरी आवरण में होमोस्टेसिस तैयार करते हैं. इससे स्किन के माध्यम से शरीर के अंदर किसी भी हानिकारक चीज को घुसने नहीं देता. यह एक तरह से सुरक्षा कवच है. लेकिन यदि आप रेगुलर वेट वाइप्स का इस्तेमाल करेंगे तो इससे स्किन का यह माइक्रोबायोम खत्म हो जाएगा. इस कारण शरीर का सुरक्षा कवच यानी इम्यूनिटी कमजोर होगा और इससे आपको कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा.
बवासीर का खतरा कई गुना
डॉ. इवान कहते हैं कि जब स्किन का माइक्रोबायोम में बैलेंस नहीं रहेगा तो स्किन में इरीटेशन होने लगेगी, स्किन पर रैशेज आने लगेंगे. यहां तक कि फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा भी लंबे समय तक बढ़ जाएगा. चूंकि स्किन में बैड बैक्टीरिया और गुड बैक्टीरिया दोनों होते हैं तो जब बैलेंस खराब होगा तो बैड बैक्टीरिया ज्यादा हावी होने लगेगा और उसकी संख्या बढ़ जाएगी. ये सब हानिकारक चीजें स्किन की सेहत तो बिगाड़ेंगे ही, पूरी बॉडी में असर करेगा. अगर वेट वाइप्स का बहुत ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल किया जाए तो इससे मलद्वार के पास सुरंग होने लगेगा. इससे फिशर या भगंदर का खतरा बढ़ जाएगा. कुल मिलाकर इससे बवासीर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा. इसलिए कभी भी गीले पेपर से मलद्वार को पोछने की कोशिश न करें. इसे करें भी तो इसकी आदत न लगाएं.
February 20, 2025, 15:16 IST
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