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Health tips, जिम एक ऐसी जगह है जहां लोग अपने शरीर को फिट और स्वस्थ बनाने के लिए पसीना बहाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिम की मशीनें, जैसे ट्रेडमिल, वेट्स, योगा मैट और साइक्लिंग उपकरण पर मौजूद कीटाणुओं की संख्या टॉयलेट सीट से भी कहीं ज़्यादा हो सकती है? यह सुनकर थोड़ा चौंकना स्वाभाविक है, लेकिन यह तथ्य कई अध्ययनों और लैब टेस्ट से सिद्ध हो चुका है.
क्यों होते हैं जिम में ज्यादा कीटाणु?
अत्यधिक पसीना और स्पर्श:
जिम में हर कोई पसीने से भीगा हुआ होता है और एक ही मशीन का कई बार उपयोग होता है. शरीर से निकलने वाला पसीना, त्वचा की मृत कोशिकाएं और गंदगी मशीनों पर चिपक जाती हैं.
साफ-सफाई की कमी:
बहुत सारे लोग जिम में वर्कआउट के बाद मशीनों को साफ नहीं करते. कुछ जिम प्रबंधन नियमित रूप से सैनिटाइजेशन नहीं करता, जिससे कीटाणु आसानी से पनपते हैं.
बंद वातावरण:
जिम आमतौर पर एसी और बंद माहौल में होते हैं, जहां वेंटिलेशन कम होता है. इससे बैक्टीरिया और वायरस को बढ़ने का अनुकूल वातावरण मिल जाता है.
शेयर की गई चीजें:
जैसे योगा मैट, डम्बल, बारबेल, मशीन के हैंडल इन सबका रोजाना दर्जनों लोग उपयोग करते हैं. और अगर साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
कौन-कौन से कीटाणु हो सकते हैं मौजूद?
स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus): स्किन इन्फेक्शन और फोड़े-फुंसी का कारण बन सकता है.
ई.कोलाई (E. coli): पेट के संक्रमण और दस्त जैसी समस्याओं से जुड़ा होता है.
फंगस और वायरस: जो त्वचा की बीमारियां, फ्लू, या फुट फंगस जैसे रोग फैला सकते हैं.
कैसे रखें खुद को सुरक्षित?
वर्कआउट से पहले और बाद में मशीन को सैनिटाइज करें:
जिम में मौजूद स्प्रे या वाइप्स से हैंडल, सीट और पैड्स को पोंछना एक अच्छी आदत है.
अपना टॉवल साथ लाएं:
मशीन पर बैठने से पहले टॉवल बिछाएं और चेहरा पोंछने के लिए अलग तौलिया रखें.
हाथ धोएं या सैनिटाइज़र इस्तेमाल करें:
वर्कआउट के बाद तुरंत हाथ धोना बहुत जरूरी है.
खुद का योगा मैट और उपकरण लाएं:
अगर संभव हो, तो अपना निजी मैट और छोटी फिटनेस आइटम्स का उपयोग करें.
साफ कपड़े पहनें और जूते भी वेंटिलेटेड हों.
नमी से बचने के लिए सूखे और साफ कपड़े पहनना चाहिए.
जिम हमारे स्वास्थ्य के लिए है, लेकिन अगर साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो ये बीमारी फैलाने का ज़रिया भी बन सकता है. जरूरी है कि हम खुद भी सतर्क रहें और जिम प्रबंधन से भी नियमित सैनिटाइजेशन की अपेक्षा करें. याद रखें, स्वस्थ रहना केवल पसीना बहाने से नहीं बल्कि स्वच्छता अपनाने से भी आता है.
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