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UP News: नोएडा में साइबर ठगों ने बुजुर्ग दंपति को 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 3.14 करोड़ रुपए की ठगी की. ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश धोखाधड़ी का डर दिखाया. पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

Noda Cyber Fraud: नोएडा में बुजीग दंपत्ति से 3.14 करोड़ की ठगी
हाइलाइट्स
- नोएडा में बुजुर्ग दंपति से 3.14 करोड़ की ठगी.
- ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश धोखाधड़ी का डर दिखाया.
- पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
नोएडा. नोएडा में साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग दंपति को 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 3 करोड़ 14 लाख 59 हजार रुपए की ठगी की. इन 15 दिनों में दंपति को सिर्फ खाने और दैनिक क्रियाएं करने की अनुमति थी. किसी से बातचीत करने और घरेलू सामान लाने की ही इजाजत थी. ठगों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश धोखाधड़ी का डर दिखाया. पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने विजय खन्ना, राहुल गुप्ता, विनय कुमार और आकाश कुलहरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
सेक्टर-75 की एक सोसाइटी में बिराज कुमार सरकार अपनी पत्नी के साथ रहते हैं. वे करीब 78 साल के हैं और उनकी पत्नी 71 साल की हैं. बिराज कुमार सरकार एक फाइनेंस कंपनी से रिटायर्ड जनरल मैनेजर हैं. उन्होंने शिकायत में बताया कि 25 फरवरी को उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को ट्राई से बताया और एक नंबर दिया, जो उनका पुराना नंबर था.
फर्जी आईपीएस ने केस सीबीआई को किया ट्रांसफर
कारण पूछने पर बताया गया कि यह नंबर ट्राई में बिराज कुमार सरकार के नाम से रजिस्टर्ड है और उनके खिलाफ कोलाबा, मुंबई में शिकायत दर्ज है. इसके बाद उन्हें कोलाबा पुलिस स्टेशन से जोड़ा गया, जहां कथित आईपीएस विजय खन्ना ने उनसे बात की. फिर केस को सीबीआई को ट्रांसफर किया गया, जहां कथित राहुल गुप्ता ने सीबीआई अधिकारी बनकर उनसे बात की और कहा कि नरेश गोयल को वे जानते हैं. उनके नंबर का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश धोखाधड़ी के लिए किया गया है.
ऑनलाइन फर्जी CJI के सामने करवाई पेशी
इसके बाद उन्हें कोलाबा पुलिस स्टेशन बुलाया गया. बिराज कुमार ने अपनी बीमारी और उम्र का हवाला दिया, तो उन्हें ऑनलाइन मामले को हैंडल करने की अनुमति दी गई. 26 फरवरी को उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने ऑनलाइन पेश किया गया. स्काइप कॉल पर मुख्य न्यायाधीश ने उनके सभी खातों, एफडी और एकाउंट को फ्रीज करने और पैसों को एसएसए (सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट) में डालने का आदेश दिया.
राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताकर डराया
कथित विजय खन्ना और राहुल गुप्ता ने उन्हें धमकी दी कि यह सारी बात गुप्त रखें और किसी से साझा न करें, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है. अगर उन्होंने जानकारी साझा की, तो तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी और उनकी जान को भी खतरा है. इसलिए जैसा कहा गया, वैसा करते रहें. इसके बाद बिराज कुमार ने उनके बताए गए खातों में पैसा ट्रांसफर करना शुरू कर दिया. इन 15 दिनों में करीब 3.14 करोड़ रुपए उनके बताए गए खातों में ट्रांसफर किए गए.
ठगों ने पैसा वापस करने का दिया था आश्वासन
ठगों ने आश्वासन दिया था कि मौद्रिक सत्यापन के बाद पैसा वापस आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 15 दिनों में कभी विनय कुमार तो कभी आकाश कुल्हारी कैमरे पर नजर रखते हुए उनसे बात करते रहे. 3 मार्च को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय का एक आदेश (स्पष्टीकरण पत्र) भेजा गया, जिसमें कहा गया था कि उनके सभी फंड वैध और बेदाग हैं. न्यायालय ने नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके धन की कोई संलिप्तता नहीं पाई है. इसलिए 6 से 7 दिनों के भीतर उनके पैसे वापस आ जाएंगे.
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