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शिवहर के युवा उद्यमी शिवेंद्र प्रताप राठौड़ ने 2023 में मल्टीग्रेन आटा तैयार किया, जो डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर में लाभकारी है. यह आटा 110 रुपये प्रति किलो मिलता है. इसकी रोटी कई बीमारियों के लिए लाभदायक है.

Multigrain आटा की तस्वीर
हाइलाइट्स
- शिवहर का मल्टीग्रेन आटा डायबिटीज और बीपी में सहायक है.
- आटा काला गेहूं, बाजरा, मूंग, चना, मक्का, ज्वार से बना है.
- आटा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
सीतामढ़ी. बिहार के शिवहर जिले के युवा उद्यमी शिवेंद्र प्रताप राठौड़ ने एक ऐसा आटा तैयार किया है जो डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है. उन्होंने बताया कि यह मल्टीग्रेन आटा न केवल इन बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है. शरीर के लिए यह आटा काफी फायदेमंद है.
शिवेंद्र प्रताप ने 2023 में इस आटे को तैयार करना शुरू किया था, उनका मानना है कि आज के समय में लगभग हर घर में कोई न कोई सदस्य किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है. अधिकतर लोग दवाइयों पर हर महीने हजार रुपये खर्च कर रहे हैं. लेकिन अगर हम अपने खानपान में सुधार करें, तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है. इसी सोच के साथ उन्होंने इस खास आटे को विकसित किया है. शिवेंद्र प्रताप राठौड़ की यह पहल न केवल बीमारियों से लड़ने में सहायक है, बल्कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है.
इन आठ अनाज को मिलाकर बनता है आटा
यह आटा काला गेहूं, बाजरा, मूंग, चना, मक्का, ज्वार, चीना, मरूआ और अन्य पौष्टिक अनाजों को मिलाकर तैयार किया गया है. शिवेंद्र बताते हैं, मूंग में भरपूर प्रोटीन होता है और चना ग्लूटेन फ्री होता है. ये सभी अनाज मिलकर एक ऐसा फार्मूला तैयार करते हैं जिससे शरीर को संपूर्ण पोषण मिलता है. उन्होंने दावा किया कि अगर कोई व्यक्ति लगातार दो-तीन दिन तक इस आटे से बनी रोटियां खाता है, तो शरीर में ताकत महसूस होने लगती है. यह आटा पूरी तरह से स्वादिष्ट और सुपाच्य है, और इसकी रोटियां बिल्कुल सामान्य आटे जैसी ही होती हैं, बस रंग में थोड़ा फर्क हो सकता है.
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110 रुपए में एक किलो मिलता है आटा
शिवेंद्र का यह स्टार्टअप युवाओं और महिलाओं को रोजगार भी दे रहा है. वह स्थानीय स्तर पर ही पैकेजिंग, ग्रेडिंग और लेबलिंग का कार्य करवाते हैं. फिलहाल इस आटे की बाजार कीमत 110 रुपये प्रति किलो है, जबकि लागत लगभग 80 रुपये पड़ती है. इसके अलावा 10 से 15 रुपये मजदूरी समेत अन्य टैक्स लग जाता है. ग्राहकों की प्रतिक्रिया भी बेहद उत्साहजनक है. एक बार जिसने इस आटे को लिया, वह दोबारा खुद से वापस आता है, क्योंकि उसे इसके सेहतमंद फायदे खुद महसूस होते हैं.

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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