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Dragon Fruit Farming Tips : उत्तर प्रदेश में किसान अब ड्रैगन फ्रूट की खेती भी कर रहे हैं. ड्रैगन फ्रूट की फसल एक बार लगाने के बाद किसानों को 30 से 35 साल तक आमदनी होती है. लेकिन ड्रैगन फ्रूट के लिए गर्मी का मौस…और पढ़ें

शाहजहांपुर के प्रगतिशील युवा किसान अंशुल मिश्रा ने बताया कि मौसम में बदलाव के दौरान ड्रैगन फ्रूट के पौधों में फंगस लगने का खतरा बढ़ जाता है. साल में लगभग तीन बार, फरवरी से अप्रैल, फिर मई-जून में बरसात से पहले और तीसरी बार अक्टूबर-नवंबर के महीनों में फंगस का प्रकोप देखने को मिलता है.

अंशुल मिश्रा का कहना है कि यदि किसान इन दिनों में फंगस की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाएं, तो ड्रैगन फ्रूट की खेती से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है. मई-जून में किसान ड्रैगन फ्रूट के पौधों को फंगस से बचाने के लिए कुछ सरल उपाय कर सकते हैं.

यदि किसी शाखा पर फंगस के लक्षण दिखाई दें या वह फंगस से संक्रमित हो जाए, तो उसे तुरंत तेज चाकू या कटर से काटकर खेत से बाहर निकाल देना चाहिए. ऐसा करने से फंगस को अन्य स्वस्थ पौधों तक फैलने से रोका जा सकता है.गर्मी के मौसम में ड्रैगन फ्रूट के पौधों को फंगस से बचाने के लिए चाइना क्ले पाउडर का छिड़काव एक उपयोगी तरीका है.

यह पाउडर पौधों की शाखाओं पर एक परत बना देता है, जिससे वे सीधे धूप के संपर्क में नहीं आते और सूर्य की किरणें परावर्तित हो जाती हैं. छोटे पैमाने पर खेती करने वाले किसान ग्रीन नेट का उपयोग करके भी अपने पौधों को फंगस से सुरक्षित रख सकते हैं.

अगर फंगस का प्रकोप कम नहीं होता है, तो रासायनिक उपचार का सहारा लेना आवश्यक हो जाता है. इसके लिए, कार्बेंडाजिम और मैंकोजेब पाउडर को पानी में घोलकर ड्रैगन फ्रूट के पौधों पर छिड़काव किया जा सकता है. यह रासायनिक उपचार फंगस के संक्रमण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद करता है.
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