Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के लिए सही दांतों की सफाई और स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो गया है, लेकिन बाजार में उपलब्ध केमिकल युक्त टूथपेस्ट और मंजन कभी-कभी दांतों की समस्या को और बढ़ा देते हैं. खासकर उन लोगों के लिए जो पाउच गुटका, तंबाकू, सिगरेट आदि का सेवन करते हैं, उनके लिए दांतों की समस्याएं और भी गंभीर रूप ले लेती हैं. ऐसे में एक असरदार, सस्ता और पूरी तरह से देशी इलाज की जरूरत बनती है. आज हम आपको एक आसान आयुर्वेदिक डेंटल पाउडर की रेसिपी बताएंगे, जिसे आप घर पर ही बना सकते हैं और इस्तेमाल कर कई दंत समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.

घरेलू आयुर्वेदिक डेंटल पाउडर की सामग्री
नीम के पत्तों का पाउडर – ५० ग्राम
लौंग का पाउडर – २५ ग्राम
हल्दी पाउडर – २५ ग्राम
सेंधा नमक – २५ ग्राम
बेकिंग सोडा – २५ ग्राम

आयुर्वेदिक पाउडर बनाने की विधि
सबसे पहले नीम के ताजे पत्तों को तोड़कर अच्छे से सुखा लें. पत्ते पूरी तरह से सूख जाने के बाद उन्हें बारीक पीसकर पाउडर बना लें. इसके बाद एक बड़े कटोरे में नीम पाउडर, लौंग पाउडर, हल्दी पाउडर, सेंधा नमक और बेकिंग सोडा डालें. इन सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें. तैयार मिश्रण को एक एयर टाइट कंटेनर में भरकर सुरक्षित रख लें, ताकि नमी या धूल इसका असर ना कर सके.

उपयोग की विधि
इस आयुर्वेदिक डेंटल पाउडर का उपयोग दिन में दो बार करें. सुबह और रात को नियमित रूप से ब्रशिंग से पहले एक चम्मच पाउडर हथेली पर निकालें. फिर ब्रश की मदद से हल्के हाथ से दांतों पर मलें. उसके बाद साफ पानी से कुल्ला करें. इसके बाद आप उंगलियों से २-३ मिनट हल्की मसाज करें, जिससे पाउडर के औषधीय गुण मसूड़ों और दांतों में अच्छी तरह समा जाएं. ध्यान रखें कि इस पाउडर का इस्तेमाल करते समय आपको सामान्य टूथपेस्ट का उपयोग बिल्कुल नहीं करना है. केवल इसी पाउडर को अपनाना है, ताकि इसके प्राकृतिक तत्व असर दिखा सकें.

डॉक्टर अनिल पटेल का एक्सपर्ट सुझाव
डॉक्टर अनिल पटेल ने बताया कि इस आयुर्वेदिक पाउडर के नियमित उपयोग से दांतों और मसूड़ों की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. खासकर उन लोगों के लिए जो गुटका या तंबाकू का सेवन करते हैं, यह पाउडर बेहद फायदेमंद है. डॉक्टर के अनुसार, यह पाउडर मुंह की बदबू, मसूड़ों से खून आना, दांतों में दर्द, संक्रमण और काले कीड़े जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कीटाणुओं से लड़ने की प्राकृतिक शक्ति रखता है. इसके अलावा यह मसूड़ों को मजबूत बनाता है और दांतों में छुपे संक्रमण को भी खत्म करता है.

डॉक्टर अनिल पटेल ने यह भी सलाह दी कि पाउडर का इस्तेमाल कम से कम तीस दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए, ताकि इसका असर पूरी तरह से दिखे. साथ ही, अच्छे नतीजे पाने के लिए सही ब्रशिंग तकनीक का भी पालन करें. पाउडर का हल्के हाथ से प्रयोग करें ताकि मसूड़े घायल न हों.

क्यों है यह पाउडर खास?
डॉक्टर अनिल पटेल बताते है कि इस घरेलू डेंटल पाउडर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें कोई भी विदेशी केमिकल नहीं होता. केवल प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया गया है, जो आपके दांतों के स्वास्थ्य के लिए बिलकुल सुरक्षित और प्रभावकारी हैं. नीम और हल्दी के एंटी-बैक्टीरियल गुण मसूड़ों को स्वस्थ रखते हैं, जबकि लौंग के गुण दर्द निवारण में मददगार हैं. सेंधा नमक और बेकिंग सोडा आपके दांतों की सफाई को और भी असरदार बनाते हैं.

अगर आप भी दांतों की बदबू, मसूड़ों से खून आना, काले कीड़े और संक्रमण जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो यह देशी आयुर्वेदिक डेंटल पाउडर आज ही बनाकर अपनाएं. घरेलू नुस्खा होने के कारण यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित रहेगा और आपको महंगे टूथपेस्ट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. नियमित उपयोग से आपको लंबे समय तक स्वस्थ और मजबूत दांत मिलेंगे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment