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Kumbakonam vetrilai or Paan Benefits: पान हमारे भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. भोजन के बाद पान को सही तरीके से बनाकर उसे चबाना हमारे जीवन का हिस्सा था लेकिन समय के साथ इसमें भारी कमी आ गई. अब दोबारा से इन चीजों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी कड़ी में सरकार ने तमिलनाडु के कुंभकोणम वेत्रिलाई को जीआई टैग यानी भौगोलिक पहचान निर्धारित कर दी है. इसका मतलब यह हुआ कि कंभकोणम वेत्रिलाई तमिलनाडु के कंभकोणम क्षेत्र का मूल वेत्रिलाई है. वेत्रिलाई पान है. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के पान उगाए जाते हैं. इनमें वनारसी और त्रिरुर वेतिला पान को पहले ही जीआई टैग मिल चुका है. त्रिरुर वेतिला पान को केरल के मालापुरम जिले में उपजाया जाता है. जीआई टैग मिलने से इस पान को दुनिया में अलग पहचान मिलेगी. पर असली बात यह है कि जिस पान को जीआई टैग मिला है वह मामूली पान नहीं है. इसके सेहत पर कई बेमिसाल फायदे हैं. सदगुरु ने अपने वीडियो में इसका खास जिक्र किया है. उनका मानना है कि अगर पान को सही तरीके से लगाया जाए और सही तरीके से बनाया जाए तो पाचन तंत्र बहुत मजबूत हो जाता है.
पान चबाने के फायदे
1.पाचन तंत्र की मजबूती- पान के पत्ते में कई तरह के कुदरती एंजाइम होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं. खाने के बाद पान चबाने से पेट की गैस कम होती है और खाना जल्दी पचता है. अगर आपको अक्सर कब्ज या अपच की समस्या होती है तो पान के पत्ते का सेवन फायदेमंद हो सकता है. यह आपकी तोंद को हल्का रखता है और भूख भी बढ़ाता है. सदगुरु कहते हैं कि पान में चूना, गुलकंद और कत्थे को सही तरीके से मिलाकर रात में खाना चाहिए.
2. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर- पान के पत्ते में कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं. फ्री रेडिकल्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे कई बीमारियां होती हैं. पान के पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं और हार्ट रोग, डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाते हैं.
3. मुंह और दांतों की सफाई-पान के पत्ते को चबाने से मुंह की सफाई होती है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है जो बैक्टीरिया को मारकर मसूड़ों की सूजन कम करता है और सांसों की बदबू दूर करता है. पुरानी मुंह की बीमारियां जैसे गम डिजीज और दांतों में दर्द भी पान के पत्ते से कम हो सकती हैं. लेकिन ध्यान रखें कि पान को तंबाकू के साथ न लें क्योंकि तंबाकू सेहत के लिए नुकसानदेह है.
4.सूजन कम करता है-पान के पत्ते में प्राकृतिक सूजन रोधी गुण होते हैं. ये शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं. गठिया, जोड़ों का दर्द और मांसपेशियों की सूजन में पान के पत्ते का सेवन लाभदायक साबित हो सकता है. यह एक प्राकृतिक उपाय है जो बिना साइड इफेक्ट के सूजन को कम करता है.
5.इम्यूनिटी बढ़ाता है-पान के पत्ते में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को मजबूत बनाते हैं. यह सर्दी, खांसी और वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. खासतौर पर मौसमी बदलाव के दौरान पान के पत्ते का सेवन आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है.
पान के पत्ते का सही उपयोग कैसे करें
पान के पत्ते का सेवन तभी फायदेमंद होता है जब इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए. तंबाकू या ज्वाइन के साथ पान कभी भी न लें क्योंकि इससे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है. पान के पत्ते को साफ करके ही चबाएं. पान की दुकान पर जो दुकानदार अच्छे से पान लगाना जानता हो उसी से लें. इसमें चूना और कत्था का सही अनुपात जरूरी है. इसके साथ इसमें गुलकंद और सुपारी की भी सही मात्रा होनी चाहिए. इसमें कई अन्य चीजें मिलाई जाती है, इसलिए सही अनुपात जरूरी है. पान को रात में खाना ज्यादा फायदेमंद है.
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