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शिखा श्रेया/रांची: “काम कभी छोटा या बड़ा नहीं होता” – इस कहावत को सच कर दिखाया रांची की भारती ने. परिवार और समाज के तानों को पीछे छोड़कर, उन्होंने अपने हुनर और मेहनत से लिट्टी-चिकन के स्वाद को पूरे रांची में मशहूर कर दिया है. मोराबादी ग्राउंड के पास उनका स्टॉल ऐसा लोकप्रिय हुआ है कि लोग 50 किलोमीटर दूर से भी उनका स्वाद चखने आते हैं.
सफलता का सफर
भारती, जो एक राजपूत परिवार से हैं, ने समाज और रिश्तेदारों की बातों को दरकिनार करते हुए यह साहसी कदम उठाया. शुरुआत में उन्हें कहा गया, “राजपूत सड़क पर ठेला लगाएगी तो खानदान की नाक कट जाएगी.” लेकिन भारती ने अपने सपनों को प्राथमिकता दी.
उनका स्टॉल रांची के मोराबादी ग्राउंड के चिल्ड्रन पार्क के पास लगता है. खास बात यह है कि भारती रोज़ाना 30 किलो चिकन और 1000 लिट्टी सिर्फ 4 घंटे में बेच देती हैं. उनके स्टॉल पर लोगों की भीड़ इस बात का सबूत है कि उनका खाना घर के स्वाद जैसा है.
घर का स्वाद, मेहनत का जादू
भारती बताती हैं कि उनके लिट्टी-चिकन का स्वाद खास क्यों है:
घरेलू मसाले: सभी मसाले घर पर ही तैयार किए जाते हैं. भारती खुद इन मसालों को पीसती हैं, जिससे खाने में एकदम घर जैसा स्वाद आता है.
मां के हाथ का स्पर्श: लिट्टी उनकी मां बनाती हैं, जबकि चिकन भारती खुद तैयार करती हैं. यह उनकी टीम वर्क का नतीजा है कि हर दिन उनके स्टॉल पर इतनी भारी मांग रहती है.
पढ़ाई और काम का संतुलन
भारती न केवल अपने स्टॉल को सफलतापूर्वक चला रही हैं, बल्कि सीए की पढ़ाई भी कर रही हैं. वह सुबह 3-4 घंटे पढ़ाई में बिताती हैं और फिर अपने स्टॉल की तैयारियों में लग जाती हैं. सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक वह बिना आराम किए काम करती हैं.
लोगों का प्यार और भारती का हौसला
भारती बताती हैं कि लड़की होकर स्टॉल चलाना आसान नहीं है, खासकर जब आप पढ़ाई में टॉपर रहे हों. समाज के सवालों और आलोचनाओं के बावजूद उन्होंने अपने हुनर को दुनिया के सामने लाने का फैसला किया.
अगर आप भी लेना चाहते हैं स्वाद
अगर आप भारती के लिट्टी-चिकन का स्वाद चखना चाहते हैं, तो रांची के मोराबादी ग्राउंड के चिल्ड्रन पार्क के मुख्य गेट के पास उनका स्टॉल जरूर विजिट करें.
समय: शाम 3 बजे से रात 8 बजे तक (गुरुवार को स्टॉल बंद रहता है).
Tags: Jharkhand news, Ranchi news, Street Food
FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 13:20 IST
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