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Uttarkashi News In Hindi: मंगलाछु ताल ऐसा स्थान है, जहां प्रकृति, रहस्य और आस्था तीनों का अद्भुत मेल देखने को मिलता है. यहां आने वाले पर्यटक न सिर्फ एक अनोखी प्राकृतिक घटना के साक्षी बनते हैं, बल्कि एक धार्मिक …और पढ़ें

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ताल बजाओ और देखो जादू! मंगलाछु ताल से उठते हैं रहस्यमयी बुलबुले; जानें कहां है ये जगह

मंगलाछु ताल से उठते हैं रहस्यमयी बुलबुले

हाइलाइट्स

  • मंगलाछु ताल उत्तरकाशी में स्थित है.
  • ताल में ताली बजाने पर बुलबुले उठते हैं.
  • यह ताल सोमेश्वर देवता से जुड़ा है.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड अपने हिमालयी क्षेत्रों, प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है. पुराणों में भी उत्तराखंड के इलाकों का विशेष महत्व हो. केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर साल दर्शन करने पहुंचते हैं. इसके अलावा, कई ऐसी जगह हैं जो आज भी लोगों के लिए कौतुहल का विषय बने हुए है. उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में कई ऐसे ताल (पानी के तालाब) हैं, जिनका अपना-अपना पौराणिक महत्व है. चाहे वो भगवान गणेश के जन्म से जुड़ा डोडीताल हो या फिर रामायण से जुड़ा काकभुशुंडी ताल. सतोपंथ ताल भी त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) और पांडवों से जुड़ा है. इन सभी तालों के बीच एक ऐसा ताल है जहां आप आवाज़, ताली या फिर सीटी बजाएं तो ताल का पानी आपको जवाब देगा. चौंकिए नहीं…आइए, जानते है इस जगह के बारे में….

कहां है ये ताल?
मंगलाछु ताल (Manglachu Tal) उत्तरकाशी जिले के मुखबा गांव से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. समुद्र तल से करीब 3,650 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस ताल तक पहुंचने के लिए एक कठिन लेकिन बेहद खूबसूरत ट्रेकिंग रूट तय करना पड़ता है. मुखवा गांव गंगोत्री धाम का शीतकालीन पड़ाव भी माना जाता है. इस यात्रा के दौरान पर्यटक को हिमालय की ऊंची चोटियों, घने जंगलों और घाटियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है.

ताल जो आपकी आवाज़ का जवाब देता है
मंगलाछु ताल (Mysterious Lake) की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जब कोई इसके पास ताली बजाता है, सीटी मारता है या तेज़ आवाज़ करता है, तो पानी में बुलबुले उठने लगते हैं. पानी में हलचल और बुलबुले उस क्षण तक उठते हैं जब तक आप आवाज करते हैं और जैसे ही आप शांत होते हैं, पानी फिर से स्थिर हो जाता है.

आज तक नहीं उठ पाया इस रहस्य से पर्दा
यह घटना आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बनी हुई है. स्थानीय लोग इसे दैवीय प्रतिक्रिया मानते हैं, जबकि कुछ इसे ज्वालामुखीय गैस या पृथ्वी के कंपन से जोड़ते हैं. लेकिन सच्चाई अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है.

धार्मिक मान्यता क्या कहती है?
इस ताल को सोमेश्वर देवता (Someshwar Devta) का ताल भी कहा जाता है. मान्यता है कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू क्षेत्र से सोमेश्वर देवता की डोली यहां लाई गई थी और यहीं इसे स्नान कराया गया था. तभी से यह स्थल स्थानीय लोगों के लिए अत्यंत पूजनीय बन गया है. यह भी माना जाता है कि अगर किसी वर्ष बारिश कम हो तो गांववाले यहां पूजा करते हैं, जिससे वर्षा होने की संभावना बढ़ जाती है. मंगलाछु ताल एक ऐसा स्थान है, जहां प्रकृति, रहस्य और आस्था तीनों का अद्भुत मेल देखने को मिलता है. यहां आने वाले पर्यटक न सिर्फ एक अनोखी प्राकृतिक घटना के साक्षी बनते हैं, बल्कि एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव भी प्राप्त करते हैं.

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Sandeep KumarSenior Assistant Editor

Senior Assistant Editor in News18 Hindi with the responsibility of Regional Head (Uttar Pradesh, Uttarakhand, Bihar, Jharkhand, Rajasthan, Madhya Pradesh, Chhattisgarh, Himachal Pradesh, Haryana). Active in jou…और पढ़ें

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