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Pilibhit News : पीलीभीत में लगभग 1 साल की शांति के बाद बाघों का आतंक फिर लौट आया है. पिछले एक महीने में बाघों के हमले में 5 किसानों की मौत हुई है. लोकल 18 ने जब बाघ के हमले के कारणों को जानने के लिए इन मामलों क…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • पीलीभीत में बाघों के हमले से 5 किसानों की मौत.
  • तार फेंसिंग काटने से बाघों के हमले बढ़े.
  • दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पीलीभीत. सोमवार सुबह जिस जगह पर बाघ ने किसान को मार डाला, वहां से कुछ ही दूरी पर तार की फेंसिंग कटी हुई मिली है. अधिकारियों का मानना है कि बाघ इसी कटी फेंसिंग से बाहर निकला और यह हादसा हुआ. लेकिन यह समस्या सिर्फ इस गांव की नहीं, बल्कि ज्यादातर इलाकों की है. गौरतलब है कि 2014 में पीलीभीत के जंगलों को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला था. बेहतर प्रबंधन के चलते तब से अब तक बाघों की संख्या 71 से भी ज्यादा हो गई है. लेकिन इस दौरान लगभग 65 लोग जंगली जानवरों के हमले में मारे गए हैं.

बाघ के हमले की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए विभाग ने संवेदनशील इलाकों में लगभग 25 किलोमीटर चेनलिंक फेंसिंग कराई थी, जिसके अच्छे नतीजे भी मिले. लगभग एक साल तक बाघ के हमले का कोई मामला सामने नहीं आया. लेकिन पिछले एक महीने में ही बाघ के हमले में 5 लोगों की मौत हो चुकी है. एक घटना तो उस जगह पर हुई जहां हाल ही में तार फेंसिंग की गई थी.

इस कारण गई 5 लोगों की जान
घटना के बाद अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया तो कुछ ही दूरी पर तार फेंसिंग कटी हुई मिली और पास में लकड़ी भी पड़ी मिली. विभागीय सूत्रों के अनुसार, ग्रामीणों ने लकड़ी और अन्य वन उपज बीनने के लिए कई जगह तार फेंसिंग काट दी है. जानकारों का मानना है कि टाइगर रिजर्व में काम करने वाले दैनिक वेतन कर्मियों को 10-10 महीने तक वेतन नहीं मिलता, जिससे वे अवैध गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं. हालांकि, इस मामले में वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की गश्त पर भी सवाल उठते रहे हैं.

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

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तो इस कारण पीलीभीत में गई 5 लोगों जी जान, लोकल 18 के कैमरे में कैद हुए सबूत

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