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Agency:News18 Uttar Pradesh

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Moradabad: आजकल एंग्जायटी के पेशेंट्स की संख्या काफी बढ़ रही है. इसके लिए चिकित्सकों ने सलाह दी है कि ओम का उच्चारण और भ्रामरी प्राणायाम से काफी फायदा मिलेगा. इसे करने का सही तरीका यहां जान लें.

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एंजाइटी के मरीजों को चिकित्सकों ने दी है सलाह।

हाइलाइट्स

  • एंग्जायटी के मरीजों को “ओम” चैंटिंग से राहत मिलती है.
  • भ्रामरी प्राणायाम से एंग्जायटी में दस गुना लाभ होता है.
  • रोज 15-20 मिनट “ओम” का उच्चारण करने की सलाह.

मुराबादाबाद/पीयूष शर्मा: मुरादाबाद में लगातार एंग्जायटी के मरीज बढ़ रहे हैं, जिसे देखते हुए चिकित्सकों ने एक्सरसाइज करने की सलाह दी है. मुरादाबाद मंडल के जिला अस्पताल में रोज 5 से अधिक एंग्जायटी के मरीज सामने आ रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि गहरी सांस लेकर “ओम” ध्वनि की चैंटिंग यानी जप करने से एंग्जायटी की समस्या से पीड़ित लोगों को राहत मिलेगी. जिला अस्पताल में एंग्जायटी से पीड़ित कई मरीजों को भ्रामरी प्राणायाम के साथ “ओम” का उच्चारण करने से काफी फायदा मिल रहा है.

भूलने की बीमारी में भी मिली राहत
जिला अस्पताल में योग विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराने से एंग्जायटी से पीड़ित कई मरीजों की समस्या को कम करने में सफलता मिली है. सत्तर साल से अधिक उम्र की एक महिला, जो एंग्जायटी के साथ भूलने की बीमारी (अल्जाइमर डिमेंशिया) से भी पीड़ित थीं, उन्हें भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास शुरू कराया गया.

ऐसे जाप करने से मिलता है दस गुना ज्यादा लाभ
इसके अलावा, एंग्जायटी के दौरे से पीड़ित 35 वर्षीय महिला और 18 वर्षीय किशोरी को भी भ्रामरी प्राणायाम से काफी राहत मिली. डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि “ओम” शब्द की चैंटिंग करने से मानसिक शांति मिलती है और भ्रामरी प्राणायाम में कान बंद करके “ओम” का उच्चारण करने से होने वाला लाभ दस गुना बढ़ जाता है.

रोज आ रहे हैं मरीज
योग विशेषज्ञ संजीव कुमार ने बताया कि एंग्जायटी के रोज 5 से अधिक मरीज उनके पास आ रहे हैं. इसमें याददाश्त कमजोर होने की समस्या आजकल युवाओं में भी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि अच्छा खान-पान बनाए रखें, भ्रामरी प्राणायाम और “ओम” का उच्चारण करें, क्योंकि यह किसी भी प्रकार की मानसिक रोग से संबंधित बीमारी में बहुत लाभदायक होता है.

उन्होंने ये भी कहा कि सुबह-शाम रोज 15 से 20 मिनट “ओम” का उच्चारण करने से फायदा मिलेगा. इसके अलावा, अगर नाक में खुश्की महसूस होती है, तो गाय का देसी घी डालने से भी बीमारियों और बेचैनी में आराम मिलेगा.

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