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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Lo…और पढ़ें

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दही का माथा जौंडिस बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए रामबाण, सुनिए आयुर्वेदाचार्य से

काल्पनिक फोटो माथा एवं भू अमला

 समस्तीपुर. जौंडिस, जिसे आयुर्वेद में पित्त विकार कहा जाता है, एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के अंदर पीलापन आ जाता है और व्यक्ति में कमजोरी महसूस होने लगती है. यह बीमारी लिवर के ठीक से काम न करने के कारण होती है और अगर इसे समय पर इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है..जौंडिस एक गंभीर बीमारी मानी जाती है, लेकिन आयुर्वेद में इसके इलाज के लिए कई घरेलू उपाय दिए गए हैं. घरेलू इस्तेमाल की बात करें तो दही को तोड़कर माथा तैयार कर सकते हैं और इसका इस्तेमाल कर अपनी सेहत को दुरुस्त कर सकते हैं.

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समस्तीपुर जिले के शिवाजीनगर स्वस्थ केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी सह आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर संजय कुमार के अनुसार जौंडिस से बचाव के लिए अमरूद, ईख और भू अमला का सेवन करना फायदेमंद है. इसके अलावा, दही का सेवन भी इस बीमारी से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है. दही का माथा (लस्सी) जौंडिस के मरीजों के लिए एक रामबाण इलाज माना जाता है.दही को अच्छे से फेंटकर माथा बनाए और उसे रोज़ दो सप्ताह तक सेवन करें.इससे पाचन क्रिया सुधरती है और शरीर में पीलापन कम होने लगता है. इसके साथ ही भू अमला (आंवला) का सेवन भी बेहद फायदेमंद होता है. आंवला लिवर के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है और यह शरीर को जल्दी स्वस्थ करने में मदद करता है. डॉक्टर ने कहा कि इन सरल और प्रभावी घरेलू उपायों को अपनाकर जौंडिस के मरीज अपनी सेहत में सुधार ला सकते हैं. अतः उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादा परेशानी होने पर किसी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है और सलाह के आधार का उन्हें पालन करना चाहिए. ताकि स्वस्थ होने में ज्यादा समय ना लगे और परेशानी ना हो. उन्होंने आसपास तुझे कहा कि भू अमला भी आसानी से जहां तहां उपलब्ध हो जाता है और इसका सेवन लोग कर सकते हैं.

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