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Tips To Get Rid Of Tooth Cavity: दांतों में सड़न और कैविटी एक आम समस्या है, लेकिन समय के साथ यह परेशानी गंभीर हो सकती है. गलत खान-पान, खराब ओरल हाइजीन और बैक्टीरिया के कारण दातों में सड़न पैदा हो सकती है और कैविटी की परेशानी हो सकती है. जब हम ज्यादा मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तब दांतों पर बैक्टीरिया और प्लाक का निर्माण होने लगता है. यह बैक्टीरिया एसिड का निर्माण करता है, जो दांतों की ऊपरी परत यानी एनेमल को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाने लगता है. समय के साथ यह परत टूटने लगती है, जिससे दांतों में सड़न की समस्या उत्पन्न हो सकती है. यह समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है.

शुरुआत में दातों की सड़न के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन जैसे-जैसे समस्या बढ़ती है, ठंडी या गर्म चीजें खाने-पीने में दांतों में दर्द महसूस होने लगता है. इसके अलावा चबाते समय दर्द और मुंह से बदबू भी एक अन्य संकेत हो सकती है. खासकर बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है, क्योंकि वे चॉकलेट, टॉफी और अन्य मीठे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं और ब्रश भी ठीक से नहीं करते हैं. अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो दांत की सड़न अंदर तक पहुंच सकती है, जिससे तेज दर्द और सूजन की समस्या उत्पन्न हो सकती है.

अगर दांतों में सड़न का पता जल्दी चल जाता है, तो इसे रोका और ठीक किया जा सकता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड क्रेनियोफेशियल रिसर्च (NIDCR) के अनुसार शुरुआती सड़न के मामलों में फ्लोराइड का उपयोग बहुत फायदेमंद हो सकता है. फ्लोराइड दांतों की बाहरी परत को मजबूत करता है और शुरुआत में सड़न को ठीक करने में मदद करता है. इसके लिए डेंटिस्ट दांतों में फ्लोराइड लगाते हैं, जो दांतों की सुरक्षा करता है. लेकिन यदि सड़न बढ़ जाती है और दांत में छेद हो जाता है, तो केवल फ्लोराइड से इलाज संभव नहीं होता. ऐसे मामलों में दांत के सड़े हुए हिस्से को हटा दिया जाता है और फिर उसे फिलिंग से भर दिया जाता है.

को साफ रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है अच्छी ओरल हाइजीन का पालन करना. इसके लिए आपको दिन में कम से कम दो बार फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करना चाहिए. फ्लोराइड टूथपेस्ट दांतों को मजबूत बनाता है और सड़न से बचाता है. इसके अलावा फ्लोराइड माउथ रिंस का उपयोग भी किया जा सकता है, जो दांतों पर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है और उन्हें सड़ने से बचाता है. ब्रश करते समय दांतों के बीच की सफाई भी करें, क्योंकि वहां बैक्टीरिया पनपने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. इसके लिए फ्लॉस का उपयोग किया जा सकता है, ताकि खाने के टुकड़े और बैक्टीरिया बाहर निकल सकें.

आपके खान-पान का दांतों पर गहरा असर पड़ता है. मीठे और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों से जितना संभव हो, बचें. ये खाद्य पदार्थ दांतों पर बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं, जिससे सड़न और कैविटी की समस्या उत्पन्न होती है. इसके बजाय फल, सब्जियां, दूध और दालें जैसी न्यूट्रिशनल डाइट अपनाएं, जो दांतों और मसूड़ों को मजबूत रखती हैं. इसके अलावा बार-बार खाने की आदत से भी बचें, क्योंकि बार-बार भोजन करने से दांतों पर बैक्टीरिया का हमला बढ़ता है. इसलिए कोशिश करें कि आप एक बार में भरपेट भोजन करें और छोटे स्नैक्स से बचें.

दांतों की समस्याओं को समय पर पहचानने और ठीक करने के लिए छह महीने में एक बार डेंटिस्ट से चेकअप करवाना बेहद जरूरी है. नियमित चेकअप से दांतों की समस्याओं का जल्दी पता चल सकता है और उपचार किया जा सकता है. इसके अलावा, अगर आपको दांतों में दर्द, सेंसिटिविटी या बदबू जैसी कोई समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें. दांतों की सड़न और कैविटी को समय रहते ठीक करने से आप भविष्य में बड़ी समस्याओं से बच सकते हैं. इन उपायों को अपनाकर आप दांतों की सड़न और कैविटी से बच सकते हैं और अपनी ओरल हाइजीन को बेहतर बना सकते हैं. स्वस्थ दांतों के लिए सही खानपान, नियमित ब्रशिंग और डेंटल चेकअप सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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