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Gorakhpur Latest News : गोरखपुर के आलीशान अपार्टमेंट जेमिनी पैराडाइज में के एक फ्लैट में किराएदार अरविंद लग्जरी लाइफ जी रहा था. वह दिनभर अपने फ्लैट में घुसा रहता था लेकिन जोमेटि और स्विगी से 30 लोगों का खाना मं…और पढ़ें

दिनभर अपार्टमेंट में घुसा रहता था किराएदार, सिर्फ खाना आने पर खोलता था दरवाजा, पुलिस ने मारा छापा, नजारा देखा तो…

गोरखपुर के आलीशान अपार्टमेंट में ऑनलाइन गेमिंग ऐप से ठगी करने वाला कॉल सेंटर का खुलासा…

गोरखपुर. गोरखपुर के आलीशान अपार्टमेंट जेमिनी पैराडाइज में ऑनलाइन ठगी करने वाला कॉल सेंटर का खुलासा हुआ है. मऊ पुलिस की सूचना पर गोरखपुर की गुलरिहा पुलिस ने अपार्टमेंट में छापा मारा. 29 लोगों को सट्टा खिलाते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. गिरोह का सरगना 4 फ्लैट किराए पर लेकर ऑनलाइन गेमिंग पोर्टल से फ्रॉड करता था. मुख्य आरोपी ने छह महीने पहले फ्लैट किराए पर लिए थे. पुलिस ने छापेमारी के दौरान 10 लैपटाप, 100 स्मार्ट फोन, 150 सिमकार्ड बरामद किए. पुलिस आरोपियों को लेकर मऊ के लिए रवाना हो गई.

जांच में पता चला कि जिन फ्लैटों में जालसाज रहते थे, उसका दरवाजा हमेशा बंद रहता था. स्विगी-जोमैटो से खाना मंगाया जाता था. दरवाजा सुबह-शाम ही खुलता था और बाकी समय अंदर ठगी का काम होता था. ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए जालसाजी करने वाले गिरोह का सरगना अरविंद यादव निकला. अरविंद छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है. उसने आजमगढ़ में ट्रेनिंग ली थी.
एक साल तक ट्रेनिंग लेने के बाद गोरखपुर आ गया. यहां उसने अपनी गैंग बनाई और अपनी आईडी पर धंधा शुरू किया.

अरविंद यादव ने सबसे पहले जेमिनी पैराडाइज में एक फ्लैट खरीदा. अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहने लगा. फिर उसने दलाल के माध्यम से तीन और फ्लैट किराए पर लिए. उसने बिहार और छत्तीसगढ़ से लड़कों को बुलाया. उन्हें नौकरी पर रखकर आनॅलाइन गेमिंग प्लेटफार्म पर सट्‌टा लगवाने लगवाया. वह लड़कों को 18-22 हजार रुपये तक का महीना देता था.

ऐसे आया पुलिस के रडार पर
दरअसल, वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने मऊ पुलिस को अलर्ट किया और एक संदिग्ध बैंक अकाउंट के बारे में बताया. मऊ पुलिस ने जब खाताधारक से बात की तो उसने बताया कि वह अपना बैंक अकाउंट 17 हजार रुपये में बेच अरविंद यादव को बेच चुका है.

रविवार को मऊ पुलिस ने छापा मारा. पुलिस ने जैसे ही दरवाजा खोला, अंदर अफरा-तफरी मच गई. एक कमरे में लगभग आधा दर्जन लड़के मौजूद थे. एक-एक युवक के पास से 4-4 मोबाइल मिले. आरोपी युवक प्रतिबंधित गेमिंग की फ्रेंचाइज लेते थे और फिर सट्‌टेबाजी करते थे. सट्टेबाजी के लिए विंजो, वन विन, महादेव और टाइगर जैसे ऐप का इस्तेमाल किया जाता था. जब लोग किसी गेम पर सट्टा लगाते तो उनके साथ जालसाजी करके पैसे किसी और अकाउंट में ट्रांसपर कर लेते थे.

गोरखपुर एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि मऊ की पुलिस टीम सभी 29 आरोपियों को अपने साथ लेकर गई है. गुलरिहा पुलिस जालसाजों को कैसे मकान दिया गया, इसकी जांच कर रही है.

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अपार्टमेंट में घुसा रहता था किराएदार, पुलिस ने मारा छापा, नजारा देखा तो….

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