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दिन-रात चढ़ा रहता है शॉपिंग का भूत, हर महीने उड़ाते हैं हजारों रुपये, समझिए इस बीमारी का हो गए शिकार !

All About Compulsive Buying Disorder: कई लोगों को शॉपिंग का चस्का होता है और वे हर सप्ताह हजारों रुपये शॉपिंग में उड़ा देते हैं. कई बार यह उनकी आदत बन जाती है और वे हर समय शॉपिंग के बारे में सोचते रहते हैं. आजकल लोगों को शॉपिंग के लिए बाजार जाने की भी जरूरत नहीं होती है और वे घर बैठे मोबाइल फोन से जमकर शॉपिंग करते रहते हैं. कई बार बिना जरूरत के भी लोग शॉपिंग करके खुश हो जाते हैं. हालांकि समय के साथ यह आदत लोगों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित करने लगती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हद से ज्यादा शॉपिंग करना भी एक बीमारी है.

साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कंपल्सिव शॉपिंग डिसऑर्डर एक मेंटल कंडीशन है, जिसमें लोग हद से ज्यादा खरीदारी करने लगते हैं. इस डिसऑर्डर की वजह से लोग बिना किसी जरूरत के सामान खरीदते रहते हैं. उन्हें लगता है कि खरीदारी करने से उन्हें खुशी और संतुष्टि मिलेगी, लेकिन थोड़ी देर बाद ही वे फिर से उसी आदत में फंस जाते हैं. इसे कंपल्सिव बाइंग डिसऑर्डर (CBD) भी कहा जाता है. इस डिसऑर्डर की वजह से लोगों को फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है और मेंटल व इमोशनल परेशानियां भी हो सकती हैं. यह आदत रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती है.

स्टडीज की मानें तो कंपल्सिव शॉपिंग डिसऑर्डर की कई वजह हो सकती हैं. व्यक्ति के अंदर मानसिक तनाव, अकेलापन या नेगेटिव भावनाएं हों, तो यह डिसऑर्डर पैदा हो सकता है. कुछ लोग खरीदारी को अपनी भावनाओं को शांत करने का एक तरीका मानते हैं. जब वे उदास, तनावग्रस्त या चिंतित होते हैं, तो खरीदारी उन्हें कुछ देर के लिए राहत दे सकती है. हालांकि यह राहत केवल कुछ देर की होती है और शॉपिंग करने के बाद मानसिक दबाव और भी बढ़ जाता है. इस वजह से व्यक्ति बार-बार इस काम को रिपीट करता है. इससे परेशानियां बढ़ने लगती हैं.

कंपल्सिव शॉपिंग डिसऑर्डर की वजह से लोगों के रिश्तों में खटास आने लगती है, क्योंकि इस डिसऑर्डर से जूझने वाले लोग ज्यादा खरीदारी करने के कारण परिवार और दोस्तों से दूर हो जाते हैं. वे अपनी फाइनेंशियल समस्याओं को छिपाने के लिए झूठ भी बोलने लगते हैं. लंबे समय तक यह आदत रहे, तो मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे- एंजाइटी, डिप्रेशन और आत्म-सम्मान में कमी हो सकती है. इस डिसऑर्डर से छुटकारा पाने के लिए एक्सपर्ट काउंसलिंग, कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) का सहारा लेते हैं. सीवियर मामलों में कुछ दवाइयां भी दी जा सकती हैं.

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Tags: Health, Mental Health Awareness, Trending news

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