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दिल्ली: 8000 लोग, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और 6 महीने, इन 8000 लोगों को आसमान खा गया या जमीन निगल गई, इसकी खबर न पुलिस को है और न ही आम इंसान को. जी हां ये आंकड़े केवल 6 महीनों के हैं. कई मामलों ने टॉप पर रहने वही दिल्ली ने अब गायब लोगों को लेकर भी अपना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (जिपनेट) के आंकड़ों में सामने आया है कि 1 जनवरी 2025 से लेकर 23 जुलाई 2025 के बीच हैं.

दिल्ली से 8000 लोग गायब
जिपनेट के आंकड़ों से जानकारी मिली है गायब लोगों में सबसे अधिक संख्या बाहरी उत्तरी जिले की है. रिपोर्ट के मुताबिक गायब लोगों में 4,753 महिलाएं और 3,133 पुरुष शामिल हैं. आंकड़ों के मुताबिक बाहरी उत्तरी दिल्ली जिले में गुमशुदगी के सबसे अधिक 908 मामले दर्ज किये गए हैं, जो बवाना, स्वरूप नगर और समयपुर बादली जैसे इलाकों के हैं. वहीं नई दिल्ली जिले में लापता लोगों की संख्या सबसे कम 85 है.

इस इलाके से सबसे ज्यादा लोग हुए गायब
आंकड़ों की माने तो उत्तर पूर्वी जिले में 730 मामले दर्ज किए गए, जो दूसरे स्थान पर है. इसके बाद दक्षिण पश्चिम जिले में 717, दक्षिण पूर्व जिले में 689 और बाहरी जिले में 675 मामले दर्ज किए गए. द्वारका में 644, उत्तर पश्चिम जिले में 636, पूर्वी जिले में 577 और रोहिणी जिले में गुमशुदगी के 452 ऐसे मामले दर्ज किए गए. मध्य जिले में 363 लोगों का सुराग नहीं मिल पाया है, जबकि उत्तर, दक्षिण और शाहदरा जिलों में क्रमश: 348, 215 और 201 लोग अब भी लापता हैं.

दिल्ली से 1,486 शव बरामद
आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी से 23 जुलाई के बीच 1,486 शव अज्ञात लोगों के मिले जिनमें से अधिकांश पुरुषों के थे. आंकड़ों के अनुसार, उत्तरी जिले में सबसे अधिक 352 शव मिले जिनकी शिनाख्त स्थापित नहीं हो सकी. इनमें कोतवाली, सब्जी मंडी और सिविल लाइंस जैसे इलाके शामिल हैं.

कहां मिले, कितने शव
मध्य जिले में 113, उत्तर पश्चिम में 93, दक्षिण पूर्व में 83, दक्षिण पश्चिम और उत्तर पूर्व में 73-73, बाहरी में 65, पूर्व और नई दिल्ली में 55-55, पश्चिम और बाहरी उत्तर में 54-54, रोहिणी में 44, शाहदरा में 42, द्वारका में 35, दक्षिण में 26 और रेलवे में 23 शव मिले जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी.

क्या है जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (जिपनेट)
बता दें, जिपनेट एक केंद्रीकृत डेटाबेस है जिसका इस्तेमाल कानून प्रवर्तन एजेंसियां लापता व्यक्तियों और अज्ञात शवों का पता लगाने के लिए करती हैं. यह डेटाबेस कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का डेटा संकलित करता है.

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