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सौरभ वर्मा/ रायबरेली: आम जिसे फलों का राजा कहा जाता है. आम की खेती यूपी में बड़े पैमाने पर होती है. परंतु आम की बागवानी करने वाले किसानों के सामने इसमें मंजर कम आने की समस्या  चिंता का विषय बनी रहती है. क्योंकि आम के पौधे में मंजर कम आने से फलन यानी कि पैदावार में भी कमी आ जाती है. जिसको लेकर किसान चिंतित रहते हैं. परंतु अब किसानों को आम के पौधे में मंजर कम आने या पैदावार में कमी को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि हम उन्हें कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं. जिससे आम की बागवानी करने वाले किसानों को मंजर कम आने या पैदावार की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा.

कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि आम के पौधों में मंजर कम आने का कारण डाई बैक रोग के कारण होता है. इसीलिए किसानों को इस रोग से बचाव के लिए  दिसंबर से जनवरी के महीने में कुछ खास उपाय करना चाहिए. जिससे आम की बागवानी करने वाले किसानों को फायदा होगा. साथ ही आम के पेड़ में अधिक मंजर दिखने लगेंगे.

ऐसे करें डाई बैक रोग से आम के पौधों का बचाव 

लोकल 18 से बात करते हुए शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि डाई बैक रोग के लक्षण आम के पौधे पर दिखाई दे तो तुरंत प्रभावित शाखाओं के सूखे हिस्से से 5 से 10 सेंटीमीटर तक हरे हिस्से तक काट कर हटा दें. वहीं कटाई के तुरंत बाद कॉपर ऑक्सिक्लोराइड ( 3 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें. साथ ही 10 से 15 दिन के अंतराल पर यह प्रक्रिया पुनः अपनाएं. जिससे डाई बैक रोग की रोकथाम समय से हो जाने पर पौधों पर मंजर अधिक देखने को मिलेंगे.  इसी के साथ ही वह बताते हैं कि रोग प्रभावित स्थान को साफ करें उसपर बोर्डो पेस्ट लगाएं. या फिर प्रत्येक पेड़ के मुख्य तने पर 200 से 400 ग्राम कॉपर सल्फेट का उपयोग करें.  दिसंबर माह में हल्की जुताई करें. बाग से खरपतवार साफ कर दें. ऐसा करने से मिट्टी या पौधे के आसपास मौजूद कीट, अंडे, लार्वा व अन्य हानिकारक अवशिष्ट नष्ट हो जाते हैं. जिससे आम की फसल को नुकसान नहीं होता है. इस तरह से आम की बागवानी करने वाले किसान आम के पौधे से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

FIRST PUBLISHED : December 22, 2024, 11:17 IST

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