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दिलीप कुमार, मनोज कुमार, देव आनंद, संजीव कुमार और अमिताभ बच्चन ने अपने असली नाम बदलकर फिल्म इंडस्ट्री में अपार प्रसिद्धि पाई. दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद यूसुफ खान था.

वो सुपरस्टार्स जिन्होंने नाम बदलकर हासिल की शोहरत
हाइलाइट्स
- दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद यूसुफ खान था.
- मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी था.
- अमिताभ बच्चन का असली नाम इंकलाब श्रीवास्तव था.
दिल्ली: शेक्सपियर के ड्रामा रोमियो एंड जूलियट का एक प्रसिद्ध संवाद है, जिसका सीधा सा अनुवाद है-‘नाम में क्या रखा है.’ हमारे हिंदी फिल्म उद्योग के कई सितारे हैं जिन्होंने इस बात को गांठ बांध ली और फिर नाम में ऐसा बदलाव किया कि लोगों के दिलोदिमाग पर छा गए. रील नेम से इतने लोकप्रिय हुए कि रियल नेम की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया. हम आपको 60-70 के ऐसे ही सुपरस्टार्स से परिचित करवा रहे हैं. इस सूची में अमिताभ बच्चन से लेकर संजीव कुमार तक शामिल हैं.
हिंदी सिनेमा जगत के कभी टॉप स्टार रहे दिलीप कुमार. 60 का दौर हो या आज का, एक्टर्स उनकी एक्टिंग के कायल हैं. हमारी इंडस्ट्री के इस बड़े सितारे का नाम असल में मुहम्मद यूसुफ खान था. एक मुलाकात के दौरान देविका रानी ने उनसे पूछा, ‘क्या आप अभिनय करना चाहते हैं?’ और जवाब आया हां. देविका रानी ने यूसुफ खान का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया और उनका नाम दिलीप कुमार रख दिया. इस नाम ने उन्हें अपार प्रसिद्धि दिलाई.
मनोज कुमार का असली नाम
इनके फैन थे अभिनेता मनोज कुमार. बॉलीवुड के ‘भारत कुमार’ किसी परिचय के मोहताज नहीं. सभी जानते हैं कि उनका असली नाम मनोज नहीं था. उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में स्वीकारा था कि यह नाम दिलीप साहब की फिल्म ‘शबनम’ से प्रेरित था. उन्होंने इस फिल्म को देखकर अपना नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी से बदलकर मनोज कुमार रख लिया. ‘शबनम’ में दिलीप कुमार का स्क्रीन नेम मनोज था.
देवानंद ने क्यों बदला नाम
बात एवरग्रीन स्टार देव आनंद की! देव आनंद, जिनका चार्म बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक था. लोग उनके अनोखे अंदाज और अभिनय के दीवाने थे. हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि इस शानदार अभिनेता का असली नाम ‘धर्मदेव पिशोरीमल आनंद’ था. वह इंडस्ट्री में देव आनंद के नाम से लोकप्रिय हुए। घर वाले उन्हें चीरू कहकर बुलाते थे. बतौर हीरो देव आनंद की पहली फिल्म 1946 में ‘हम एक हैं’ थी, जो फ्लॉप रही और वह नाम बनाने में नाकाम रहे. धर्मदेव दर्शकों के बीच अपनी पहचान नहीं बना सके थे. इसके बाद 1948 में उनकी फिल्म ‘जिद्दी’ आई, जिसमें उनका नाम देव था. फिल्म सफल रही और उन्होंने अपने रील नेम को ही रियल नेम के तौर पर चुन लिया.
संजीव कुमार का असली नाम
संजीव कुमार की कहानी थोड़ी अलग थी. उन्हें न किसी ने कहा, न वे किसी से प्रभावित हुए बल्कि खुद महसूस किया और नाम बदलने का निर्णय लिया. उनका असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था. गुजराती परिवार में जन्मे अभिनेता का मानना था कि उनका असली नाम अभिनेता होने के हिसाब से सही नहीं है. ऐसे में उन्होंने नाम बदलने की सोची और निर्देशक कमाल अमरोही के सुझाव को अपनाते हुए हरिहर जेठालाल जरीवाला से संजीव कुमार बन गए.
अमिताभ बच्चन का नाम बदलने के पीछे की कहानी
अब बात सदी के महानायक बिग बी की. इनके नाम बदलने की कहानी भी दिलचस्प है. अमिताभ का असली नाम इंकलाब श्रीवास्तव है. उनके पिता और साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन ने छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत के कहने पर अपने बेटे का नाम इंकलाब से बदलकर अमिताभ रख दिया था. यह नाम हमारी इंडस्ट्री की पहचान के साथ जुड़ गया, ऐसा नाम जिसकी गूंज सात समंदर पार तक है.
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