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Coronavirus Latest News: एक बार फिर से कोरोनावायरस अपने पैर पसार रहा है. देश के कई राज्यों में कोविड से संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ऐसे में लोगों के बीच चिंता की लहर जायज है. हर किसी के मन में कोरोना को लेकर डर फिर से बढ़ने लगा है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल का कहना है कि भारत में कोविड-19 संक्रमण बढ़ रहा है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि ये गंभीर नहीं है. सरकार सक्रिय रूप से मामलों की निगरानी कर रही है.
कितने मामले अब तक आए हैं सामने
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी किया है, जिसके अनुसार, भारत में कोविड के 1,009 मामले हैं, जिनमें केरल (430), महाराष्ट्र (209) और दिल्ली (104) में मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, महाराष्ट्र (4), केरल (2) और कर्नाटक (1) में सात मौतें भी हुई हैं. बहल ने कहा कि संक्रमण की संख्या में वृद्धि हुई है और हम इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.
दरअसल, संख्या तो बढ़ी है और बढ़ रही है, लेकिन अधिक चिंता करने या डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि अभी तक सभी कोविड मामलों में गंभीर मामलों का प्रतिशत आम तौर पर कम है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, एनबी.1.8.1 और एलएफ.7, जेएन.1 कोविड वैरिएंट, देश में सार्स-कोव-2 मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं.
चकमा दे सकता है ये वेरिएंट
बहल ने कहा कि ये सब-वेरिएंट प्राकृतिक या वैक्सीन-प्रेरित पिछली प्रतिरक्षा को चकमा दे सकते हैं. हालांकि, उनकी क्षमता पिछले ओमिक्रॉन और अन्य वेरिएंट से कम है.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कोविड की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की. इसमें डीजीएचएस और आईसीएमआर ने भाग लिया.
उन्होंने आगे कहा कि हम स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रहे हैं और आगे भी रखेंगे. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि सभी अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं और सरकार कोविड मामलों पर कड़ी नजर रख रही है.
पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार ने कोविड-19 को लेकर एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों को बिस्तर, ऑक्सीजन, दवाओं और टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया था. एडवाइजरी में कहा गया, “अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, अन्य दवाओं और टीकों की उपलब्धता के मामले में तैयारी सुनिश्चित करनी चाहिए. वेंटिलेटर, बीआई-पीएपी, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पीएसए जैसे सभी उपकरण चालू हालत में होने चाहिए.”
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