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Delhi Police: दिवाली से पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली घी बनाने वाली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सीज कर 2651 नकली घी जब्त किया है. इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है.

Crime News: दिल्ली में फेस्टिव सीजन की चकाचौंध शुरू होने से पहले ही क्राइम ब्रांच की नॉर्दर्न रेंज-1 ने एक बड़े नकली देसी घी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. ये गोरखधंधा दिल्ली-एनसीआर के बुद्ध विहार, रोहिणी और आसपास के इलाकों में चल रहा था. क्राइम ब्रांच ने कुल 2651 लीटर नकली देसी घी जब्त कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुए आरोपियों में एक मैन्युफैक्चरर भी शामिल है. जो हरियाणा के जिंद में एक अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चला रहा था. पुलिस ने इस अवैध मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सील कर दिया है. क्राइम ब्रांच ने यह ऑपरेशन दिवाली में बढ़ती घी की डिमांड को देखते हुए चलाया था, ताकि पब्लिक हेल्थ को खतरे में डालने वाले इस धंधे को रोका जा सके.
मैन्युफैक्चरर मुकेश की भी हुई गिरफ्तारी
जांच के दौरान, 7 अक्टूबर को एक और टिप मिली, जिसके आधार पर मैन्युफैक्चरर मुकेश को रोहिणी के विजय विहार पास से गिरफ्तार किया गया. वो नकली घी की सप्लाई करने जा रहा था. उसके पास से 410 लीटर मिलावटी घी बरामद हुआ. पूछताछ में पता चला कि वह हरियाणा के जिंद में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चला रहा है. क्राइम ब्रांच ने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी सील कर दिया है. मुकेश ने बताया कि वो भी दो साल से इस धंधे में है और दिल्ली-एनसीआर के अलावा हरियाणा में भी घी सप्लाई करता था.
क्राइम ब्रांच ने क्या-क्या बरामद किया?
कार्रवाई के दौरान, क्राइम ब्रांच ने कुल 2651 लीटर नकली देसी घी जब्त किया गया, जिसमें से 2241 लीटर राकेश गर्ग के गोदाम से और 410 लीटर मुकेश के पास से मिला. बरामद घी में कई नामी ब्रांड्स जैसे मिल्क फूड (396 लीटर), मधुसूदन (630 लीटर), अमूल (390 लीटर), मदर डेयरी (915 लीटर), पतंजलि (165 लीटर) और आनंदा (165 लीटर) के नकली पैकेट शामिल थे.
कैसे बनता था नकली घी?
आरोपियों ने खुलासा किया कि वो सस्ता डालडा (वनस्पति घी) और रिफाइंड ऑयल को बल्क में खरीदते थे. इसे गर्म करके मिक्स करते और असली देसी घी जैसा बनाने के लिए केमिकल बेस्ड फ्लेवरिंग एजेंट्स, आर्टिफिशियल कलर और अनसेफ सब्सटांस डालते थे. फिर इसे मदर डेयरी, अमूल, पतंजलि जैसे ब्रांड्स के पैकेट्स में पैक करके डेयरी, दुकानों और छोटे डिस्ट्रिब्यूटर्स को बेचते थे. इस नकली घी की प्रोडक्शन कॉस्ट करीब 200 रुपये प्रति लीटर थी, जिसे वो 350 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचते थे. ये न सिर्फ कंज्यूमर्स को ठगने का तरीका था, बल्कि उनकी सेहत के लिए भी बड़ा खतरा था.
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to …और पढ़ें
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