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चेतन आनंद के निर्देशन में बनी वो सुपरहिट फिल्म हकीकत, साल 1964 में जिसने तहलका मचा दिया था. हिंदी सिनेमा की एक ऐतिहासिक और देशभक्ति से भरपूर इस फिल्म से जानी मानी एक्ट्रेस प्रिया राजवंश ने डेब्यू किया था. इस फि…और पढ़ें

वो एक्ट्रेस जो सादगी की थी मिसाल
हाइलाइट्स
- प्रिया राजवंश ने फिल्म ‘हकीकत’ से डेब्यू किया.
- ‘हकीकत’ में धर्मेंद्र के साथ नजर आईं प्रिया.
- ‘हीर रांझा’ ने प्रिया को रातोंरात स्टार बना दिया.
नई दिल्ली. साल 1964 में सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली फिल्म ‘हकीकत’ में प्रिया राजवंश ने एक लद्दाखी लड़की ‘एंगमो’ का किरदार निभाया था. फिल्म में वह धर्मेंद्र के अपोजिट उनकी हीरोइन के तौर पर नजर आई थीं. 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी ये पहली हिंदी फिल्म थी, जिसमें भारतीय सैनिकों की बहादुरी, बलिदान और देशप्रेम को मार्मिक रूप से पेश किया गया था.
फिल्म में प्रियाराजवंश यह किरदार सौम्यता, त्याग और प्रेम का प्रतीक था. एंगमो देश के सिपाही यानी धर्मेंद्र से प्यार करनी लगती हैंऔर उसका अंत दुखद होता है, जो दर्शकों को गहराई से झकझोरता है। प्रिया के फिल्म में डायलॉग ने तो दर्शकों का दिल ही जीत लिया था. क्योंकि वे थियेटर और इंग्लिश बैकग्राउंड से आई थीं, जो आम हिंदी फिल्म एक्ट्रेस से पूरी तरह अलग थी. फिल्म में धर्मेंद्र, बलराज साहनी, विजय आनंद, संजय खान और प्रिया राजवंश अहम भूमिकाओं में नजर आए थे.
धर्मेंद्र की हीरोइन बनते ही चमकी प्रिया राजवंश की किस्मत
धर्मेंद्र की फिल्म हकीकत से डेब्यू करना प्रिया राजवंश के लिए लकी साबित हुआ. ये उनकी पहली हिंदी फिल्म थी, इससे पहले वे इंग्लैंड में अभिनय की पढ़ाई कर चुकी थीं (रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट – RADA) चेतन आनंद ने उन्हें वहां देखा और अपनी फिल्म में हीरोइन बनाने का फैसला कर लिया. लेकिन इस फिल्म ने उन्हें भले ही स्टार नहीं बनाया हो, लेकिन इस फिल्म में काम करके और धर्मेंद्र की हीरोइन बनते ही उनकी बॉलीवुड में पहचान जरूर बन गई थी. इसी फिल्म के बाद उन्हें एक बड़ी फिल्म का ऑफर मिला था.
1 फिल्म से चमकी रातोंरात किस्मत
धर्मेंद्र के साथ इस फिल्म में काम करने के बाद मेकर्स की नजर उन पर पड़ी. लोग उन्हें अपनी फिल्म मे कास्ट करने लगे थे. या कहे कि धर्मेंद्र की फिल्म के बाद ही उन्होंने राजुकमार के साथ हीर रांझा में काम किया था. इस फिल्म ने तो उनकी ऐसी किस्मत चमकाई कि वह उस दौर की बड़ी बड़ी स्टार को टक्कर देने लगी थीं. इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया था. इस फिल्म के बाद ही उन्हे हिंदुस्तान की कसम, हंसते जख्म, और कुदरत जैसी चेतन आनंद की फिल्मों में काम करने का मौका मिला था. वह लगभग सभी फिल्में चेतन आनंद के बैनर तले थीं, वह चेतन की तो फेवरेट हीरोइन बन गई थीं.
बता दें कि प्रिया राजवंश हिंदी सिनेमा की उन चुनिंदा एक्ट्रेसेस में से एक थीं, जिनका करियर बहुत सीमित फिल्मों तक रहा, यानी वह बहुत ही कम फिल्मों में काम कर पाईं. लेकिन उनकी छवि और जीवन कथा दोनों ही रहस्यमयी और प्रभावशाली रहीं. उनकी जिंदगी ग्लैमर, प्रेम, आर्ट फिल्म्स और अंत में एक दुखद मौत की कहानी है.
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