[ad_1]
बलिया: इनदिनों किसानों के खेत में धान की नर्सरी लहलहा रही है. धान की खेती का यह शुरुआती दौर होता है, जिसके बाद पौधे बड़े होने पर उनकी रोपनी की जाती है. लेकिन इस बीच अगर शुरुआती दौर में ही समस्या शुरू हो जाए, तो किसान बेहद परेशान हो जाते हैं, लेकिन किसानों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. नर्सरी में आ रही तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए बहुत आसान तरीका अपनाया जा सकता है.
धान की नर्सरी में आ रही हैं ये समस्याएं
क्या है उपाय
अगर धान की नर्सरी में पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे, जगह-जगह पर झुंड में बन रहे हैं तो एक बार .5% जिंक सल्फेट का उपयोग जरूर कर दें. वैसे इसके बाद चौथी सबसे बड़ी समस्या सूक्ष्म मातृक पोषक तत्वों की कमी के कारण आती है. जैसे छोटे बच्चे पर अच्छे से ध्यान न दिया जाए तो कई समस्या आ जाती है, ठीक वैसे ही धान की नर्सरी यानी पौधशाला में भी दिक्कतें आ जाती हैं. इसके लिए बाजार में सूक्ष्म मातृक पोषक तत्वों का पाउडर मल्टीप्लेक्स नाम से आता है. इसका भी एक बार छिड़काव कर दें. वैसे जिन्होंने नर्सरी लगाने से पहले गोबर की खाद या उक्त पाउडर मिट्टी में मिलाया है, उसकी नर्सरी में यह समस्या नहीं आती है.
इस समय बहुत तेज गर्मी पड़ रही है, इसलिए सिंचाई करते रहें. अगर खेत में नमी या समय पर पानी नहीं दिया जाएगा तो कई समस्या आ सकती हैं. किसानों को सावधानी के साथ नर्सरी की देखभाल करना आवश्यक है.
[ad_2]
Source link