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Mandeep kumar Gyani Cricketer Bihar: वैभव सुर्यंवशी की तरह, समस्तीपुर के 15 साल के युवा खिलाड़ी मंदीप ज्ञानी भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. मंदीप ने गेंद और बैट दोनों से कई मुकाबलों का रुख बदल दिया है.

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धूम मचाने आ रहा बिहार का एक और खिलाड़ी, मजदूर का बेटा लगा रहा विकटों का ढेर! वैभव सूर्यवंशी ने दिए थे जूते

मंदीप कुमार ज्ञानी 

हाइलाइट्स

  • मंदीप ज्ञानी समस्तीपुर के युवा क्रिकेटर हैं.
  • आर्थिक बाधाओं के बावजूद मंदीप ने क्रिकेट में सफलता पाई.
  • वैभव सूर्यवंशी ने मंदीप को जूते गिफ्ट किए.

पटना. चर्चित लेखक मनोज मुंतशिर ने लिखा है, ‘जूते फटे पहनकर आकाश पर चढ़े थे, सपने हमारे हरदम औक़ात से बड़े थे.’ यह लाइन समस्तीपुर के मंदीप कुमार ज्ञानी पर सटीक बैठती है. दअरसल, यह वही समस्तीपुर की जमीन है जहां से वैभव सूर्यवंशी ने अपनी चमक पूरी दुनिया में बिखेरी. अब 15 वर्षीय युवा खिलाड़ी मंदीप ज्ञानी भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. मंदीप दाएं हाथ से लेग स्पिन गेंदबाजी करते हैं साथ ही बैटिंग भी कर लेते हैं. गेंद और बैट दोनों से मंदीप ने कई मुकाबलों का रुख बदल दिया है.

हालांकि, मंदीप का सफर इतना आसान नहीं है. उनके सपने को पूरा करने में आर्थिक बाधा पहाड़ की तरह खड़ी है. आलम यह है कि मंदीप के पास खेलने के लिए अपनी क्रिकेट किट तक नहीं है. जूते भी साथियों से मांग कर प्रैक्टिस करते हैं. इसके बावजूद भी अपनी मेहनत से आगे बढ़ रहे हैं.

पिता क्रिकेट प्रेमी, मैच देखते देखते बढ़ी रुचि
क्रिकेट को लेकर मंदीप के अंदर रुचि उनके पिता को देख कर जागी. दरअसल, मंदीप के पिता मजदूर हैं. घर ढलाई में लकड़ी का काम करते हैं. लेकिन क्रिकेट के बहुत बड़े दीवाने हैं. मंदीप ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि बचपन से पापा को क्रिकेट खेलते देख रहे हैं. उनके साथ हम भी क्रिकेट देखने लगे. धीरे-धीरे खेलने की इच्छा जागने लगी. शुरुआत में गली मोहल्ले में खेलते थे धीरे-धीरे टूर्नामेंट खेलने लगे.

फटे जूते पहन कर की बॉलिंग
मंदीप टीम इंडिया के लिए खेलना चाहते हैं लेकिन उनके सफर में आर्थिक बाधा बन रही है. इनके पास खुद का जूता तक नहीं है. 28 मई को पटना के मोईनुल हक स्टेडियम में श्यामल सिंह U16 वनडे ट्रॉफी का फाइनल मैच खेला गया. इसमें समस्तीपुर की टीम विजेता बनी. इस मैच में फटे हुए जूते पहन कर मंदीप खेल रहे थे. उन्होंने दो महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाए, बल्ले से भी रन बनाएं. इस पूरे टूर्नामेंट में मंदीप दो बार मैन ऑफ द मैच बने. उन्होंने कुल 18 विकेट के हासिल किए. बल्ले से भी 141 रन बनाएं. इससे पहले भी समस्तीपुर प्रीमियर लीग, सुखदेव नारायण टूर्नामेंट सहित कई टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं.

दिनभर करते रहते हैं प्रैक्टिस
मंदीप ने लोकल 18 को बताया कि उन्होंने क्रिकेट को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है. इसके अलावा उन्हें कुछ और सूझता ही नहीं है. सुबह उठते ही 07 बजे से 12 बजे तक लगातार प्रैक्टिस करते रहते हैं. इसके बाद दो घंटे का ब्रेक लेते हैं और फिर दो बजे से छह बजे तक प्रैक्टिस करने में लग जाते हैं. यही रूटीन साल भर चलता रहता है. डाइट प्लान को लेकर बताया कि डाइट नॉर्मल ही रहती है. घर में जो खाना बनता है वहीं खाते हैं. इतना पैसा नहीं है कि कुछ स्पेशल डाइट रखें.

वैभव सूर्यवंशी ने दिया जूता
मंदीप और वैभव सूर्यवंशी दोनों एक ही जगह के रहने वाले हैं. सालों से दोनों एक ही साथ प्रैक्टिस करते रहे हैं. दोनों पुराने दोस्त हैं. इसपर मंदीप कहते हैं ‘वैभव सूर्यवंशी जब प्रैक्टिस करता था तो उसके सामने कई बार बॉलिंग की है. हम लोग हमेशा साथ ही प्रैक्टिस किया करते थे. बचपन से साथ ही खेलते आ रहे हैं. आज उसको बड़े लेवल पर खेलता देख कर बहुत प्राउड फील होता है. साथ ही खूब मेहनत करने का मोटिवेशन भी मिलता है. उन्होंने आगे बताया कि अभी हाल ही में वो समस्तीपुर आया था तो हमको एक जूता गिफ्ट किया था. बहुत अच्छा लड़का है.’

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Mohd Majid

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें

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