[ad_1]
Last Updated:
Chennai Super Kings and MS Dhoni performance: चेन्नई सुपरकिंग्स की इस शर्मनाक और ऐतिहासिक हार के बाद क्रिकेट एक्सपर्ट इस टीम के कॉम्बिनेशन पर सवाल उठा रहे हैं. ये सवाल एमएस धोनी को भी परेशान कर रहे हैं.

चेन्नई सुपरकिंग्स की हार के बाद एमएस धोनी भी आलोचनाओं में घिर गए हैं.
हाइलाइट्स
- चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम IPL 2025 में 8 मैच हारी.
- हार के बाद एमएस धोनी पर बढ़ रहा संन्यास का दबाव.
- धोनी के मैदान पर उतरते ही उठता है गजब का शोर.
नई दिल्ली. चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) हार की ओर बढ़ रही होती, फिर एमएस धोनी क्रीज पर उतरते और वे अपनी टीम को जिता देते. यह सीएसके और धोनी का बुलंद इतिहास था, जो समय के साथ दरक गया. सीएसके ने धोनी को सबकुछ मान लिया. फैंस ने धोनी को टीम और खेल से बड़ा मान लिया. नतीजा, आईपीएल 2024 और 2025 में हमने देखा कि सीएसके हारती रहती और अगर धोनी क्रीज पर हैं तो फैंस के चेहरे पर शिकन ना होती. धोनी के फैंस ने बार-बार साबित किया कि उनके लिए यह सितारा खिलाड़ी टीम से बढ़कर है. इन फैंस के सामने अब परीक्षा की घड़ी आ गई है, जिसका नतीजा अगले कुछ मैचों में सामने आएगा.
बिना खिताब के होगी विदाई
चेन्नई सुपरकिंग्स को आईपीएल 2025 में बुधवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. यह उसकी टूर्नामेंट में 8वीं हार थी. इसके साथ ही सीएसके आईपीएल 2025 के प्लेऑफ की रेस से पूरी तरह बाहर हो गई. अब कोई समीकरण या चमत्कार सीएसके को पॉइंट टेबल में टॉप-4 पर नहीं पहुंचा सकता है. तय हो गया है कि धोनी की विदाई बिना खिताब के ही होगी.
कंधों पर अचानक आया कप्तानी का भार
चेन्नई सुपरकिंग्स की इस शर्मनाक और ऐतिहासिक हार के बाद क्रिकेट एक्सपर्ट इस टीम के कॉम्बिनेशन पर सवाल उठा रहे हैं. सुरेश रैना से लेकर हरभजन सिंह तक ने कहा कि सीएसके से आईपीएल ऑक्शन में ही गलती हो गई थी और उसने सही खिलाड़ियों पर दांव नहीं लगाया. हालत तो यह हो गई कि सीएसके के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ जब चोट के कारण आईपीएल से बाहर हुए तो कप्तानी का भार एमएस धोनी के कंधों पर आ गया.
धोनी से चमत्कार की उम्मीद हुई स्वाहा
एमएस धोनी के कप्तान बनने से उनके फैंस तो खुश थे. टीम के हारते रहने के बावजूद उन्हें धोनी से चमत्कार की उम्मीद थी. लेकिन वे भूल गए कि जब टांगों में दम ना हो, बाजुएं जवाब दे चुकी हों तब कोई क्रिकेटर कमाल नहीं कर सकता. सबने देखा कि जो धोनी गगनचुंबी छक्के लगाने के लिए मशहूर थे, वे नौवें नंबर पर बैटिंग करने उतर रहे थे. अपनी दमदार बैटिंग से जग जीतने वाले किसी खिलाड़ी के लिए इससे बुरी स्थिति शायद ही होती लेकिन धोनी पता नहीं क्यों इसका सामना करते रहे.
पता नहीं क्या मजबूरी थी…
कोई नहीं जानता कि वो क्या मजबूरी थी जो एमएस धोनी को 43 की उम्र में खेलते रहने को मजबूर करती रही या कोई प्रेरणा जो उन्हें प्रेरित करती रही. लेकिन अब देश तो छोड़िए विदेश से भी अपील हो रही है कि धोनी प्लीज आप खेलना बंद कर दें. दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीर बैटर माने जाने वाले एडम गिलक्रिस्ट से अपील की कि वे अब खेलना बंद कर दें. गिली ने कहा कि आपने सबकुछ हासिल कर लिया है. आपको कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है. आप चैंपियन हैं लेकिन अगले सीजन में सीएसके को आपकी जरूरत नहीं है.
भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के दौरान रोहित शर्मा के बारे में कुछ एक्सपर्ट ने ऐसी बातें कही थीं तब भारतीय कप्तान ने पलटवार कर दिया था. रोहित ने कहा था कि मीडिया बॉक्स में बैठे लोग यह तय नहीं करेंगे कि कौन कब तक खेले. यकीनन, एमएस धोनी भी यह बात कह सकते हैं. लेकिन अगर ग्राउंड से शोर नहीं उठा तब धोनी क्या करेंगे. अगले मैचों में भी यदि चेन्नई सुपरकिंग्स हारती रही और धोनी को चीयर करने वाले उसी अंदाज में पेश आते रहे तो इससे एक अलग तरह का इतिहास लिखा जाएगा कि फैंस के लिए टीम से बड़ा एक खिलाड़ी था. धोनी शायद ऐसा ना चाहें क्योंकि इस नाम में कहीं ना कहीं ‘बदनाम’ होने का पुट भी है. चेन्नई सुपरकिंग्स भी ऐसा नहीं चाहेगी कि टीम के हारते रहने पर भी फैंस को कोई फर्क ना पड़े. वैसे भी सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि अब यह देखना है कि धोनी के लिए वही फैंस में पागलपन बाकी रहता है या फैंस टीम की बुरी शिकस्त के लिए उन्हें भी दोष देते हैं. आखिर सब जानते हैं कि अगर इस टीम को चैंपियन बनाने में किसी एक खिलाड़ी की सबसे बड़ी भूमिका रही तो वह एमएस धोनी थे. अब जब टीम हार के रसातल में जा चुकी है तो उसकी जिम्मेदारी भी इसी खिलााड़ी को लेनी होगी जिसके लिए कहा जाता है कि आईपीएल ने अपने नियम तक बदले ताकि उन्हें अनकैप्ड प्लेयर के तौर पर सीएसके के लिए उपलब्ध रहें.
[ad_2]
Source link