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Do you bathe without clothes: क्या आप नहाते समय बिना कपड़ों के नहाते हैं. यदि हां तो आपके लिए यह बात जाननी जरूरी है. आइए हम बताते हैं कि इसकी क्या धार्मिक मान्यताएं और इस बारे में क्या कहता है विज्ञान.

नहाने का विज्ञान.
हाइलाइट्स
- बिना कपड़ों के नहाने को लेकर कई लोगों के मन में कंफ्यूजन रहता है.
- न्यूड होकर नहाना पश्चिमी देशों में परंपरा के रूप में देखा जाता है.
- भारतीय परंपरा में बिन कपड़ों के नहाने के क्या कहा गया है.
Do you bathe without clothes: जब भी हम बाहर में स्नान करते हैं तो पूरी मर्यादा के साथ करते हैं. मतलब कपड़े पहनकर ही स्नान करते हैं. पुरुष बेशक अपने उपर का वस्त्र खोल ले लेकिन महिलाएं ऐसी नहीं करती. हमारी परंपरा में बिना कपड़े के नहाना शास्त्र विरुद्ध है लेकिन आधुनिक बदलती दुनिया में अब लोग बंद दीवारों के अंदर नहाने लगे हैं और ऐसे में अधिकांश लोग बिना कपड़ों के नहाते हैं. ऐसा इसलिए करते क्योंकि वेस्टर्न सोसाइटी में लोग बिना कपड़ों के ही नहाते हैं. लेकिन क्या ऐसा करना सही है. इसके दो व्याख्या है. भारतीय परंपरा और विज्ञान की बातें. आइए इसके बारे में जानते हैं.
इसलिए निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए. इस सवाल के कई जवाब है. पद्मपुराण और श्रीमदभागवत कथा में इसका जिक्र है जिसके बारे में अधिकांश लोगों को पता ही होगा. एक बार गोकुल में गोपियां अपने वस्त्र उतारकर पेड़ पर रख दिए और सरोवर में कूद गईं. जब गोपियां सरोवर में नहा रही थी, तभी भगवान श्रीकृष्ण ने एक लीला रची. उन्होंने सभी गोपियों के वस्त्र चुरा लिए और पेड़ पर चढ़कर छुप गए. जब गोपियों की अठखेलियां पूरी हुईं तो वे सब सरोवर से निकलकर वस्त्र पहनना चाहा लेकिन देखा कि वहां तो वस्त्र ही नहीं है. तभी भगवान कृष्ण बांसुरी बजाने लगे. अब सारी गोपियां यशोदानंदन से विनती करने लगी कि लाला मेरे वस्त्र दे दो.
भगवान ने कहा तुम्हारे वस्त्र पेड़ पर लटके हैं खुद ही ले लो. गोपियां लजाते हुए बोली हमें लाज आती है, हम कैसे जाएं वहां. इस पर भगवान ने कहा कि जब वस्त्र उतारकर सरोवर में गई थी तब तुम्हें लाज नहीं आई. गोपियों ने कहा उस समय तुम नहीं थे. इस पर भगवान ने कहा, इस ब्रह्मांड में कोई ऐसी जगह नहीं जहां हम न हो. जब तुम निर्वस्त्र होकर जल में गई तब जल में मौजूद असंख्य जीवों ने तुम्हें देखा. इस पेड़ पर मौजूद पक्षियों ने तुम्हें देखा और जल रूप में मौजूद वरुण देव ने तुम्हें देखा. यह उन सबका अपमान है. भगवान का संदेश साफ था कि अगर कोई नहीं हो तो भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए. दूसरी ओर गरुड़ पुराण में बताया गया है कि यदि आप कपड़े पहनकर स्नान करते हैं तो उस कपड़े से गिरने वाले जल को आपके पूर्वज ग्रहण करते हैं. इससे उन्हें तृप्ति मिलती है. यानी शास्त्रो में बिना कपड़ों के स्नान करने की मनाही है.
एक तरफ शास्त्रों में बिना कपड़ों के स्नान करने की मनाही है तो दूसरी तरफ विज्ञान में इसे सर्वस्वीकार माना गया है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. युगल राजपूत ने बताया कि विज्ञान में इस बात पर कोई रिसर्च नहीं है कि बिना कपड़ों के नहाने से कोई नुकसान होता है बल्कि कई मामलों में फायदा ही होता है. इसका पहला बड़ा फायदा यह है कि जब आप न्यूड नहाते हैं तो इससे आप अपने प्राइवेट पार्ट को सही से साफ कर पाते हैं. आमतौर पर कपड़ों के साथ नहाने से प्राइवेट पार्ट को साफ करना मुश्किल हो जाता है जिससे गंदगी जम जाती है. वहीं जब आप बिना कपड़े के नहाते हैं तो आपको अपने पूरे शरीर को देखने का मौका मिलता है. ऐसे में यदि शरीर में कहीं कुछ बदलाव है तो इसका पता चल जाता है फिर किसी बीमारी की स्थिति में पहले पता चल जाता है.
मनोवैज्ञानिक फायदे
न्यूड नहाने के कई मनोवैज्ञानिक फायदे हैं. ऐसा कारण से खुद पर आत्मविश्वास आता है. गर्व महसूस होता है. एक्सपर्ट की मानें तो इससे तनाव और एंग्जाइटी भी दूर होता है. यूनिवर्सिटी ऑफ एम्सटर्डम की एक रिसर्च के मुताबिक न्यूड रहने से बॉडी का टेंपरेचर कम हो जाता है और नींद की गुणवत्ता सुधरती है. इससे ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाओं को भी फायदा मिलता है. एक रिसर्च में तो यहां तक कहा गया है कि इससे वजन भी कम हो सकता है क्योंकि आप खुद को ज्यादा वजन में देखते हैं तो इसे कम करने को प्रोत्साहन मिलता है. वहीं इससे यौन संबंध में भी ताजगी आती है.
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