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अयोध्या: साल 2024 खत्म होने वाला है और चंद दिनों में 2025 की शुरुआत होने वाली है. जैसे-जैसे 2025 करीब आ रहा है, बहुत से लोग कम बजट में नए साल का जश्न मनाने के लिए एक ट्रिप का प्लान कर रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां घूमने-फिरने में खर्च कम आएगा. साथ ही नए साल की शुरुआत में प्रभु राम और माता सरयू के दर्शन से भी होगी. जी हां, हम बात कर रहे है अयोध्या की. अयोध्या में आप कहां-कहां घूम सकते हैं , किस मंदिर में कब दर्शन कर सकते हैं इससे जुड़ी सभी जानकारी आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे. ताकि आप जब भी अयोध्या नए साल में आए तो आपको किसी प्रकार कोई परेशानी ना हो . तो चलिए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं.

22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या पर्यटकों की पसंद बना हुआ है.राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 11 जनवरी को है. इस पल का साक्षी बनने के लिए लाखों लोग अयोध्‍या जाने की योजना बना रहे हैं. यदि आप भी नए साल में अयोध्‍या जाने के बारे में सोच रहे हैं तो राम मंदिर के अलावा कुछ और भी ऐसे भव्‍य धार्मिक स्‍थान हैं जहां जाने के बाद आपका मन भाव विभोर हो जाएगा और आप प्रभु की भक्ति में रम जाएंगे. आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ प्रमुख स्‍थानों के बारे में.

राम की पैड़ी : राम की पैड़ी पर आप परिवार के साथ शाम 5:00 से लेकर रात्रि 9:00 तक घूम सकते हैं. रंग-बिरंगी लाइट में सरयू की अविरल जलधारा आकर्षण का केंद्र होती है अयोध्या आने वाली श्रद्धालु यहां आना नहीं भूलते.  यहां हर साल छोटी दीपावली पर दीपोत्‍सव का आयोजन होता है. यहां आकर श्रद्धालु सरयू नदी में स्‍नान करते हैं. यहां प्रशासन द्वारा स्‍नान करने के लिए विशेष व्‍यवस्‍था बनाई गई है.

गुप्तार घाट : गुप्ता घाट पर आप बच्चों के साथ जा सकते हैं जहां पर पार्क और सरयू की जलधारा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है गुप्‍तार घाट के बारे में ऐसी मान्‍यता है कि यहां भगवान राम ने माता सीता और लक्ष्‍मणजी के साथ गुप्‍त रूप से जलसमाधि ली थी, इसलिए इसे गुप्‍तार घाट कहां जाता है. यहां पर नदी किनारे भगवान राम का भव्‍य मंदिर भी स्थित है.

सूर्य कुंड : सूर्य कुंड राम मंदिर से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. धार्मिक मान्यता के अनुसार वह स्थान जहां भगवान राम के राज्याभिषेक से पहले सूर्यदेव ठहरे थे उसे आज सूर्य कुंड के नाम से जाना जाता है. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान राम का जन्म हुआ था तब इसी स्थान पर ठहरकर सूर्यदेव ने उनके दर्शन किये थे. शाम 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक वहां पर लेजर शो कर दिया आयोजन होता है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं

Tags: Ayodhya News, Life18, Local18, Travel 18, Uttar Pradesh News Hindi

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