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Permanent Cure For Erectile Dysfunction: कई जगहों पर आपने नपुंसकता का देसी इलाज, नपुंसक रोगी मिलें, नामर्द रोगी मिलें, कमजोर रोगी मिलें जैसी बातें लिखी हुई देखी होंगी. अक्सर लोग इसे पुरुषों के गुप्त रोग भी कहते हैं. नपुंसक शब्द के बारे में बात करना भी शर्मिंदगी भरा माना जाता है. अधिकतर लोग तो इस बारे में बात भी नहीं करते हैं और इस परेशानी का शिकार होने पर चोरी-छिपे झोलाझापों से इलाज कराते घूमते हैं. माना जाता है कि नपुंसकता पुरुषों की ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज भी नहीं है. आज डॉक्टर से जानने की कोशिश करेंगे कि नपुंसकता क्या बीमारी है और इसका क्या इलाज है.

नोएडा के यथार्थ हॉस्पिटल के कंसल्टेंट साइकेट्रिस्ट डॉ. मधुर राठी ने News18 को बताया कि नपुंसकता शब्द का इस्तेमाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए किया जाता है. यह पुरुषों को होने वाली एक समस्या है, जिसमें पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में यौन संबंध बनाने के लिए सही तरीके से इरेक्शन नहीं हो पाता है. यह उम्रदराज पुरुषों को होने वाली कॉमन समस्या है, लेकिन आज के जमाने में गलत लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण बड़ी संख्या में युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं. इस परेशानी में पुरुषों के निजी अंग में सही तरीके से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है, जिसके कारण इरेक्शन की समस्या पैदा हो जाती है. कई बार इरेक्शन तो होता है, लेकिन प्रीमेच्योर इजैक्युलेशन हो जाता है. इसके कारण पुरुष संबंध नहीं बना पाते हैं. यह एक हेल्थ प्रॉब्लम होती है, जिसे सही ट्रीटमेंट और काउंसिलिंग से ठीक किया जा सकता है.

डॉक्टर राठी के अनुसार इरेक्टाइल डिसफंक्शन की वजह बायोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल दोनों हो सकती हैं. हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल समेत कई बीमारियों के कारण पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन का शिकार हो सकते हैं. जबकि ज्यादा स्ट्रेस, एंजाइटी, डिप्रेशन, रिलेशनशिप प्रॉब्लम और परफॉर्मेंस स्ट्रेस जैसे साइकोलॉजिकल फैक्टर भी पुरुषों को इस परेशानी का शिकार बना सकते हैं. इसके अलावा शराब ज्यादा पीने और स्मोकिंग के कारण भी लोग नपुंसकता का शिकार हो सकते हैं. इन सभी कारणों से लोगों में लिबिडो यानी संबंध बनाने की इच्छा कम हो जाती है और इससे भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है. एकाध बार इरेक्शन न होना कोई बीमारी नहीं होती है, लेकिन रोज-रोज इस तरह की परेशानी हो, तो लोगों को झोलाझापों के बजाय डॉक्टर से मिलकर ट्रीटमेंट कराना चाहिए.

इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज क्या होता है? इस सवाल पर एक्सपर्ट ने बताया कि सबसे पहले तो लोगों का हेल्थ चेकअप किया जाता है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारणों की जांच की जाती है. उनसे बातचीत कर स्ट्रेस, एंजायटी, डिप्रेशन, रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स और सोशल प्रॉब्लम्स के बारे में जानने की कोशिश की जाती है. इसका सटीक कारण पता लगने पर दवाओं के अलावा काउंसिलिंग, थेरेपी और अन्य कई तरीकों से ट्रीटमेंट किया जाता है. जो लोग सोचते हैं कि नपुंसकता का कोई इलाज नहीं है, वे पूरी तरह गलत हैं. अधिकतर मामलों में सही ट्रीटमेंट से बेहतर रिजल्ट मिलता है और परेशानी दूर हो जाती है. इसके लिए जरूरी है कि सही समय पर डॉक्टर से मिलकर कंसल्ट करें और इसके इलाज का फर्जी दावा करने वाले बहरुपियों से सावधान रहें.

नपुंसकता होने पर किस डॉक्टर से मिलना चाहिए? डॉक्टर राठी ने बताया कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने पर फिजीशियन, साइकेट्रिस्ट, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट या यूरोलॉजिस्ट से मिल सकते हैं. सेक्सोलॉजिस्ट जैसा कोई स्पेशल डॉक्टर नहीं होता है. जरूरत के अनुसार डॉक्टर आपको एक से दूसरे स्पेशलिस्ट के पास भेज सकते हैं. इसके अलावा इरेक्टाइल डिसफंक्शन से बचाव की बात करें, तो अच्छी लाइफस्टाइल, बेहतर खान-पान, तनाव मैनेज करना, सिगरेट-शराब से दूरी बनाने जैसी अच्छी आदतों से इस परेशानी से बचा जा सकता है. अगर आप इस परेशानी का शिकार हो जाएं, तो शर्माएं नहीं और किसी क्वालिफाइड डॉक्टर से मिलकर कंसल्ट करें. नपुंसकता कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, यह पूरी तरह ठीक भी हो सकती है.

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