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Dr K M Cherian Passes Away: हार्ट सर्जरी के पुरोधा भारत में पहला कोरोनरी बायपास सर्जरी करने वाले महान सर्जन डॉ. के. एम चेरियन का निधन हो गया. वे 82 वर्ष के थे.
हाइलाइट्स
- डॉ. केएम चेरियन का 82 वर्ष की आयु में निधन.
- भारत में पहली कोरोनरी बायपास सर्जरी की थी.
- प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया.
Dr K M Cherian Passes Away: 1975 में देश में पहला कोरोनरी बायपास हार्ट सर्जरी करने वाले महान सर्जन डॉ. केएम चेरियन का निधन हो गया है. वे 82 साल के थे. वे इतने महान सर्जन थे कि हार्ट सर्जरी में उन्होंने भारत की विशेषज्ञता को दुनिया में नई पहचान दिलाई. हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान का ही परिणाम है कि आज दुनिया भर के लोग भारत में हार्ट सर्जरी कराने आते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. के एम चेरियन के निधन पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने लिखा है, हमारे देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सकों में से एक डॉ. केएम चेरियन के निधन से व्यथित हूं. हार्ट डिजीज की जटिलताओं को सुलझाने में उनका योगदान हमेशा महान रहेगा. उन्होंने न केवल हजारों जिंदगियां बचाई बल्कि भविष्य के डॉक्टरों को मार्गदर्शन देने में भी उनका अमूल्य योगदान रहा. उन्होंने टेक्नोलॉजी और नवोन्वेष पर हमेशा जोर दिया. इस शोक की घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवार और मित्रों के साथ है.
सच्चे अर्थों में वे रियल हीरो थे-डॉ. अश्वनि मेहता
सर गंगाराम अस्पताल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. अश्वनि मेहता ने बताया कि डॉ. चेरियन हमारे लिए रोल मॉडल हैं. उन्होंने हार्ट सर्जरी में हजारों डॉक्टरों को ट्रेन किया. आज उन्हीं की बदौलत भारत हार्ट सर्जरी के मामलों में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हैं. जब डॉ. चेरियन ने पहली बार 1975 में देश का पहला ओपन हार्ट सर्जरी की थी तो विकासशील देशों में किसी देश ने ऐसा काम नहीं किया था. चीन भी इस मामले में पीछे था. डॉ. चेरियन ने अपनी दक्षता से ओपन बायपास हार्ट सर्जरी कर इतिहास रच दिया था. सबसे ज्यादा योगदान उनका पेडिएट्रिक हार्ट सर्जरी में है. बच्चों में हार्ट सर्जरी करना कितना मुश्किल है यह जाना जा सकता है लेकिन डॉ. चेरियन न केवल पेडिएट्रिक हार्ट सर्जरी को नया आयाम दिया बल्कि इसके लिए हजारों डॉक्टरों को ट्रेन किया. डॉ. अश्वनि मेहता ने बताया कि आज हम रील की हीरो अपना हीरो मान लेते हैं लेकिन ऐसे महान डॉक्टरों को अपना हीरो मानना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी. हमें उनकी विरासत को सहेज कर रखना चाहिए.
वे महान इंसान भी थे-डॉ. वनिता अरोड़ा
अपोलो अस्पताल की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनिता अरोड़ा ने बताया कि डॉ. के. एम चेरियन महान सर्जन थे. उन्होंने भारत में कार्डियोलॉजी को चरम पर पहुंचाया और इसे दुनिया में नई पहचान दी. हजारों डॉक्टर उनके द्वारा प्रशिक्षित हैं. वे लाखों जिंदगियों को बचाने में जितनी सफलता हासिल की, उतने ही इंसान अच्छे थे. बहुत ही विनम्र स्वभाव के डॉ. चेरियन से मैंने भी एक बार मुलाकात की थी. डॉ. चेरियन के योगदान को चिकित्सा जगत कभी नहीं भूल पाएगा. उनके बारे में कहा जाता है कि उनका हाथ में भगवान का जादू था. वे एक दूरदर्शी व्यक्ति थे. डॉ. के एम चेरियन शनिवार को भी बिल्कुल ठीक थे लेकिन रात में एक शादी समारोह में अचानक बेहोश होकर गिर गए. बेंगुलुरु के अस्पताल में देर रात उनका निधन हो गया.
50 साल से ज्यादा का शानदार कैरियर
डॉ. के एम चेरियन का जन्म केरल के अलापुझा में हुआ था. आज यहां डॉ. केएम चेरियन इंस्टीट्यट ऑफ मेडिकल साइंसेज सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल है. उन्होंने कस्तुरबा गांधी मेडिकल कॉलेज मंगोलर से एमबीबीएस किया था और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी. वे देश के पहले कार्डिएक सर्जन थे जो सीनियर रजिस्ट्रार के रूप में ऑस्ट्रेलिया गए. वहां उन्होंने स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग ली. वहां उन्होंने FRACS की ट्रेनिंग ली. इसके बाद उन्होंने न्यूजीलैंड भी गए और फिर अमेरिका भी गए. बर्मिंघम, अल्बामा में उन्होंने डॉ. जॉन डब्ल्यू र्किकलेन से पेडिएट्रिक कार्डिएक सर्जरी में महारत हासिल की. 1968 में उन्होंने अपने बर्थडे के दिन ऑस्ट्रेलिया में पहला ओपन हार्ट सर्जरी की थी. उस समय उनकी आयु मात्र 26 साल थी. उन्होंने फ्रंटियर लाइफलाइन अस्पताल की स्थापना की जहां उन्होंने 1995 में भारत का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी किया था. उन्हें पद्म श्री से भी नवाजा जा चुका है. उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं.
January 27, 2025, 15:12 IST
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