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Crime News: बेलगावी में एक चरवाहे की हत्या का सुराग पुलिस को तब मिला जब बकरियां बिना मालिक के घर लौट आईं और कुत्ते शव के पास बैठे रहे. जानवरों की हरकतों से भाई पर शक हुआ और सच्चाई सामने आई.

ना CCTV, ना गवाह…बकरियों और 2 वफादार कुत्तों ने सॉल्व करवा दी मर्डर मिस्ट्री

प्रतीकात्मक तस्वीर

हाइलाइट्स

  • बकरियों और कुत्तों ने हत्या की गुत्थी सुलझाई.
  • पुलिस ने जानवरों की हरकतों से भाई पर शक किया.
  • भाई ने ही अपने बड़े भाई की हत्या की.

बेलगावी जिले के हुक्केरी इलाके में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया, जिसे सुनकर हर कोई चौंक गया. एक चरवाहे की बेरहमी से हत्या कर दी गई, लेकिनकोई गवाह था, न मोबाइल लोकेशन मिली, औरही किसी CCTV में कोई क्लू मिला. पुलिस के सामने ये एक अधूरी और रहस्यमयी कहानी थी. लेकिन जो कोई नहीं कर सका, वो काम किया बकरियों और दो वफादार कुत्तों ने.

ये कोई फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है. एक ऐसा केस जिसमें इंसान फेल हो गया, लेकिन जानवरों की समझ और वफादारी ने इंसाफ दिला दिया.

एक शाम, एक शव और बकरियों की हैरान कर देने वाली हरकत
8 मई की शाम को हत्तियालूर गांव के पास रहने वाले 28 साल के रायप्पा कामाटी का शव मिला. वो रोज़ की तरह अपनी 60 बकरियों को चराने गया था, लेकिन इस दिन वो वापस नहीं लौटा. जब उसकी लाश मिली, तो आंखों में मिर्च पाउडर डाला गया था और शरीर पर हमला करने के गहरे निशान थे. ये साफ था कि उसे बेरहमी से मारा गया है.

लेकिन सबसे ज़्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि उसके दोनों कुत्ते उसकी लाश के पास बैठे थे और सारी बकरियां खुद ही घर लौट आई थीं. यही बात पुलिस के दिमाग में फंस गई बकरियां बिना चरवाहे के अकेली कैसे लौट गईं?

पुलिस ने किया एक प्रयोग, और सच्चाई सामने आने लगी
इस सवाल ने पुलिस को सोचने पर मजबूर कर दिया. कोई तो था जिसने बकरियों को घर तक पहुंचाया. पुलिस ने घटनास्थल पर एक अनोखा प्रयोग किया. रायप्पा के छोटे भाई बसवराज को वहीं लिटाया गया, जहां रायप्पा की लाश मिली थी. उसी वक्त बकरियां और दोनों कुत्ते वहां दोबारा लाए गए.

फिर जो हुआ, वो चौंकाने वाला था. जानवर बसवराज के पास से हिलने को भी तैयार नहीं थे. उन्हें जैसे उसका डर या शक नहीं था. इससे साफ हुआ कि यही इंसान उस दिन उनके साथ था. और यहीं से पुलिस को असली शक हुआ.

भाई ही निकला भाई का कातिल
जांच में पता चला कि बसवराज और रायप्पा के बीच कई दिनों से झगड़ा चल रहा था. रायप्पा चाहता था कि उसका छोटा भाई भी उसके साथ बकरियां चराए, लेकिन बसवराज दूसरा काम करना चाहता था. इसी बात पर उनके बीच अकसर बहस होती थी. आखिरकार, गुस्से में आकर बसवराज ने अपने ही बड़े भाई की हत्या कर दी.

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ना CCTV, ना गवाह…बकरियों और 2 वफादार कुत्तों ने सॉल्व करवा दी मर्डर मिस्ट्री

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