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नोएडा का थाना-126 गीता के श्लोक और पेपरलेस व्यवस्था के कारण चर्चा में है. यह नोएडा का पहला डिजिटल थाना बना है, जहां आध्यात्मिकता और तकनीक के मेल से पुलिसिंग को नई दिशा दी गई है.

नोएडा ये थाना बना संस्कार और तकनीक का संगम, गीता का श्लोक बना प्रेरणा का स्त्रोत
हाइलाइट्स
- नोएडा का थाना-126 बना पहला डिजिटल थाना.
- भगवद गीता के श्लोक से प्रेरित है थाना-126.
- महिला पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की सोच से बदला सिस्टम.
नोएडा- जहां आज भी देश के कई थानों की छवि पुराने ढर्रे वाली बनी हुई है, वहीं नोएडा पुलिस ने एक नया और प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है. नोएडा का थाना-126 अब चर्चा का विषय बना हुआ है. इसकी वजह है एक धार्मिक श्लोक, जो अब इस थाने के मुख्य द्वार पर बड़े अक्षरों में अंकित है. थाने के बाहर अंकित किया गया श्लोक भगवद गीता का वह प्रसिद्ध वाक्य है जो भगवान श्रीकृष्ण ने युद्धभूमि में अर्जुन को सुनाया था.
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥”
इसका अर्थ है “सज्जनों की रक्षा, दुष्टों के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए मैं हर युग में प्रकट होता हूं.” यह श्लोक अब नोएडा पुलिस के कार्य की दिशा और दर्शन बन चुका है. पुलिस इसे अपने कर्तव्य, कर्म और न्याय का प्रतीक मान रही है.
इस थाने की एक और खासियत यह है कि यह नोएडा का पहला पूरी तरह पेपरलेस थाना बन गया है. अब यहां FIR दर्ज करने से लेकर शिकायतों के रिकॉर्ड तक सब कुछ डिजिटल हो गया है. पुलिसकर्मी अब रजिस्टर की बजाय टैबलेट और कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
महिला पुलिस कमिश्नर की सोच ने बदला सिस्टम
इस पूरी व्यवस्था के पीछे गौतम बुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की सोच है. उन्होंने ही न केवल पेपरलेस सिस्टम की शुरुआत की, बल्कि भगवद गीता का श्लोक थाने के बाहर लिखवाने का विचार भी प्रस्तुत किया. उनका मानना है कि “पुलिस का असली धर्म सज्जनों की रक्षा और अपराधियों का विनाश करना है.”
वरिष्ठ अधिकारी भी हुए प्रभावित
नोएडा के ज्वाइंट सीपी राजीव नारायण मिश्रा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस का कर्तव्य हमेशा से यही रहा है. सज्जनों की रक्षा और असामाजिक तत्वों का दमन. उन्होंने यह भी कहा कि थाने के बाहर श्लोक लिखवाने का विचार कमिश्नर लक्ष्मी सिंह का ही था और यह अब पुलिसिंग का एक प्रेरणादायक प्रतीक बन चुका है.
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