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Agency:News18 Uttar Pradesh

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Noida-Greater Noida Expressway: नोएडा प्राधिकरण ने इन अंडरपास के निर्माण के लिए 131 करोड़ और 106 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया था.

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नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बनेंगे 2 अंडरपास, डायाफ्राम तकनीक का होगा इस्तेमाल

अरे वाह: पहली बार एक्सप्रेसवे पर डायाफ्राम तकनीक से बनेंगे दो अंडरपास, जानिए इसक

नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात को सुगम बनाने और सेक्टरों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने दो नए अंडरपास बनाने की योजना बनाई है. ये अंडरपास सेक्टर-128 और सेक्टर-146 के पास डायाफ्राम तकनीक से बनाए जाएंगे. इससे न केवल शहर के 30 आवासीय सेक्टरों को फायदा होगा बल्कि 15 गांवों के हजारों लोगों को भी राहत मिलेगी. अंडरपास बनने के बाद इस एरिया के लोगों को अपने दफ्तर या घर पहुंचने के लिए उन्हें कई किमी फालतू में सफर नहीं करना पड़ेगा.

किसे होगा फायदा
इन दो अंडरपास के बाद कई सेक्टर और गांवों के निवासियों को फायदा होगा. पहला अंडरपास झट्टा (16.900 किमी चैनेज) पर सेक्टर-145, 146, 155 और 159 के बीच बनेगा. इसकी लंबाई 800 मीटर होगी. यह अंडरपास नए औद्योगिक सेक्टर-151, 153, 154, 155, 156, 157, 158, 159 और 162 के साथ 9 गांवों के लोगों को फायदा पहुंचाएगा. दूसरा अंडरपास सुल्तानपुर गांव (6.10 किमी चैनेज) के पास सेक्टर-128, 129, 132 और 108 के बीच बनाया जाएगा. इसकी लंबाई 731 मीटर होगी. इससे सेक्टर-104, 105, 106, 107, 108, 110, 80, 81, 82, 83, 127, 128, 129, 130, 131, 132, 133, 134, 135, फेस-2 और एनएसईजेड के निवासियों को लाभ होगा.

लंबे चक्कर से मिलेगी राहत
इन अंडरपास के निर्माण के बाद हजारों लोगों को लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. अभी तक, सेक्टरों और गांवों के लोग अपने घर या दफ्तर तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर का चक्कर लगाने को मजबूर होते हैं. इन अंडरपास के शुरू होने के बाद, यात्रा का समय और ईंधन दोनों की बचत होगी.

प्राधिकरण के सीईओ ने दी मंजूरी
नोएडा प्राधिकरण ने इन अंडरपास के निर्माण के लिए 131 करोड़ और 106 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया था. हालांकि, आईआईटी रुड़की द्वारा इस बजट में संशोधन कर इसे क्रमशः 117 करोड़ और 98 करोड़ रुपये कर दिया गया है. प्राधिकरण ने इन योजनाओं को आईआईटी रुड़की से तकनीकी मंजूरी के लिए भेजा था, जहां से स्वीकृति मिलने के बाद नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने भी इसे मंजूरी दे दी है.

निर्माण प्रक्रिया और समयसीमा
इन अंडरपास के निर्माण के लिए एक सप्ताह के भीतर टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. फरवरी तक निर्माण कंपनी का चयन हो जाने की संभावना है. यदि सभी प्रक्रियाएं तय समय के अनुसार चलती हैं तो मार्च से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. नोएडा प्राधिकरण का लक्ष्य है कि छह महीने के भीतर इस परियोजना को पूरा कर लिया जाए.

इस नई तकनीक का होगा उपयोग
इस बार अंडरपास के निर्माण के लिए प्राधिकरण नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग करेगा. 2020 के बाद बनाए गए अंडरपास में बॉक्स पुशिंग तकनीक का उपयोग किया गया था, लेकिन इसमें सड़क धंसने की समस्याएं सामने आई थी. अबकी बार प्राधिकरण ने डायाफ्राम तकनीक को चुना है. इस तकनीक में बगैर खुदाई किए दीवारें बनाई जाएंगी और इसके बाद छत ढाली जाएगी. इसके बाद दोनों दीवारों और छत के बीच की मिट्टी हटाकर सड़क का निर्माण किया जाएगा. इस टेक्नोलॉजी से सड़क के धंसने की समस्या को रोका जा सकेगा.

निर्माण के दौरान रूट होगा डाइवर्जन
निर्माण कार्य के दौरान ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है. प्राधिकरण ने इसके लिए ट्रैफिक डायवर्जन योजना तैयार करने का फैसला किया है. ताकि लोगों को कम से कम असुविधा हो.

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नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे में बनेंगे अंडरपास, डायाफ्राम तकनीक होगी यूज

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