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तहसील बार मधुबन के अध्यक्ष अरुण कुमार त्रिपाठी का कहना था कि बीते शुक्रवार से अधिवक्ता कार्य बहिष्कार कर आंदोलन पर हैं. एसडीएम मधुबन की कार्यप्रणाली को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है.

Maun julus nikal kr virodh krte vakil
हाइलाइट्स
- अधिवक्ताओं ने मौन धारण कर प्रदर्शन किया.
- एसडीएम मधुबन के स्थानांतरण की मांग.
- अधिवक्ताओं का आक्रोश एसडीएम की कार्यप्रणाली पर.
मऊ: क्या आप ने सुना है जो अधिवक्ता दूसरों के न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ते हों. वे अधिवक्ता कार्य बहिष्कार करके मौन धारण कर अपनी लड़ाई के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के मऊ के मधुबन एसडीएम के स्थानांतरण की मांग को लेकर अधिवक्ता कार्य वहिष्कार कर आंदोलन पर हैं. सोमवार को तहसील बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवकताओं ने एक मौन जलूस निकाला. मुंह पर मास्क लगाए एवं हाथों में तख्तियां लिए अपना विरोध जताया. इससे पहले अपनी मांगों के समर्थन में तहसील परिसर में जम कर नारेबाजी की. मौन जलूस तहसील परिसर से निकल मधुबन नगर पंचायत बाजार होता हुआ शहीद स्मारक पहुंचा. वहाँ अधिवक्ताओं ने मधुबन कांड के अमर शहीदों को नमन किया.
क्या है पूरा मामला
लोकल 18 से बात करते हुए तहसील बार मधुबन के अध्यक्ष अरुण कुमार त्रिपाठी का कहना था कि बीते शुक्रवार से अधिवक्ता कार्य वहिष्कार कर आंदोलन पर हैं. एसडीएम मधुबन की कार्यप्रणाली को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है. एसडीएम द्वारा न्यायिक कार्य की गरीमा का पालन नहीं किया जा रहा है. पत्रावालियों को अनियमित ढंग से विधिक प्रक्रियाओं को पालन न करते हुए पारित किया जा रहा है. हमारी मांग है कि एसडीएम मधुबन का यहां से स्थानांतरण किया जाए एवं अब तक जारी सभी पत्रावालियों को तलब कर उनकी न्यायिक समीक्षा की जाए.
एसडीएम ने आरोपों का किया खारिज
वहीं इस संबंध में एसडीएम मधुबन अखिलेश सिंह यादव का कहना है कि अधिवक्ताओं द्वारा अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है. शासन के मंशा के अनूरुप सभी आपत्तियों का समय सीमा के अंदर निस्तारण हमारी पहली प्राथमिकता है. कार्य तेजी से हो रहा है. वर्तमान में लंबित पैमाइस के 43 आवेदन में से 36 का निस्तारण किया जा चुका है. वारासत के मामले भी तेजी से निस्तारित हो रहे हैं. अधिवक्ता संघ को वार्ता एवं सहयोग के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है, मगर अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है.
इस जलूस में मनोज कुमार सिंह, तारिक़ जमील, बजरंगबली पाण्डेय, मनोज कुमार, प्रदीप मिश्रा, योगेश कुमार चतुर्वेदी, अविनाश कुमार मल्ल, शिवानंद मौर्य, आनंद कुमार त्रिपाठी, सत्यप्रकाश सिंह, आसिफ खान, राजेश कुमार आदि अधिवक्ता शामिल रहे.
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