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Hair loss treatment without drugs: पुरुषों में आजकल 20-25 की उम्र में बाल गिर जाते हैं. 30 की उम्र तक कई गंजे हो जाते हैं लेकिन अब इसका परमानेंट इलाज हो जाएगा. इसके लिए न दवा की जरूरत होगी न हेयर ट्रांसप्लांट क…और पढ़ें

न ट्रांसप्लांट की जरूरत न दवा खाने की, वैज्ञानिकों ने खोज ली गंजे सिर पर बाल लगाने की विधि, जानें कैसे दोबारा उगेंगे हेयरबिना दवा दोबारा उगेंगे बाल.

हाइलाइट्स

  • बालों की जड़ में जब ब्लड वैसल्स का संपर्क टूटता है तब बाल झड़ने लगते हैं.
  • बालों की जड़ हेयर बल्ब में नई पुरानी कोशिकाएं हटती है और नई कोशिका बनती है.
  • जब बालों की जड़ों में ग्रोथ फेज छोटा हो जाता है तो लोग गंजे होने लगते हैं.
Drug free hair regrowth: सिर पर गंजे बालों की शर्मिंदगी अब झेलने की कोई जरूरत नहीं है. वैज्ञानिकों ने दोबारा बाल उगाने का एक ऐसा तरीका विकसित कर लिया है जिसमें न दवा की जरूरत होगी न ही हेयर ट्रांसप्लांट की. इसके लिए वैज्ञानिकों ने क्रांतिकारी खोज कर ली है. इस खोज के तहत वैज्ञानिकों ने मॉलिकुर सिस्टम यानी आणविक प्रणालियों की पहचान की है जो इंसानों में बालों की वृद्धि को नियंत्रित करती हैं. इस खोज के बाद बिना दवा खाए और बिना हेयर ट्रांसप्लांट किए बालों को दोबारा उगाए जाने का सपना सच साबित हो सकता है. वैज्ञानिकों के इस अध्ययन को स्टेम सेल रिसर्च एंड थेरेपी में प्रकाशित किया गया है.

वैज्ञानिकों को क्या मिला खोज में
अगर सिर से बाल गायब हो जाए तो इसे गंजेपन की बीमारी कही जाती है. मेडिकल भाषा में इसे एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (androgenetic alopecia) कहा जाता है. यह गंजेपन का सबसे आम प्रकार माना जाता है. अब तक यही माना जाता है कि इसका स्थायी इलाज नहीं है. इसके लिए हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है लेकिन यह भी सभी को सूट कर जाए, जरूरी नहीं. ऐसे में यह खोज गंजे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है. क्योंकि वैज्ञानिकों ने उस कारण को खोजा है जिसमें बाल की जड़ें नींद की अवस्था में क्यों चली जाती है. अब इसे नींद की अवस्था से जगाकर बालों को दोबारा उदाया जा सकता है. वैज्ञानिक इस प्रक्रिया को कैसे पूरी करेंगे, इससे पहले जान लीजिए कि बाल उगते कैसे हैं और यह कैसे खत्म होने लगते हैं.

hair structure
बाल कैसे उगते हैं
मोटे तौर पर जान लीजिए कि बाल हमारी स्किन के एकदम नीचे में उगते हैं. स्किन की सबसे निचली परत सबक्यूटिस में बालों के उगने का एक तरह से घोसला होता है. इसे हेयर बल्ब कहते हैं. इसका आकार बल्ब की ही तरह होता है. इस बल्ब के निचले सिरे से ब्लड वैसल्स जुड़ा होता है जो बालों को खाद्य-पानी देता है. यहीं नसें जुड़ी होती है जो बालों में सेंसेशन और मूवमेंट देती है. यही से उपर की ओर दोनों तरफ से एक शीट बनी होती है जिसे हेयर फॉलिकल्स कहा जाता है. हेयर फॉलिकल्स एक तरह से बालों का सांचा है. इसी के बीच से बाल निकलते हैं. अब यह जान लीजिए कि बाल निकलते कैसे हैं. हेयर बल्ब में खून का सप्लाई होता रहता है और इससे ऑक्सीजन मिलती रहती है. कई प्रक्रियाओं में आगे बढ़ते हुए हेयर बल्ब में नई कोशिकाएं बनती हैं. ये कोशिकाएं आपस में चिपकी होती है और हार्ड भी हो जाती है. इस तरह यह बालों का एक सख्त लट बन जाता है.अब हार्ड या सख्त कोशिकाएं नीचे की ओर लटकती जाती है और उसमें से मुलायम भाग धीरे-धीरे उपर की ओर हेयर फॉलिकल के सहारे बढ़ती जाती है. यह प्रक्रिया अनवरत चलती रहती है. इसी तरह आपके सिर का एक बाल लगभग 1 सेंटीमीटर प्रति महीने की दर से बढ़ता है. हालांकि शरीर के अन्य हिस्सों के बाल इससे कम बढ़ते हैं.

बाल झड़ते कैसे हैं
अब यह समझिए कि बाल झड़ते कैसे हैं और गंजे कैसे होते हैं. हेयर बल्ब नई कोशिकाओं का जो विकास होता है वह कई चरणों में होता है. जिस चरण में बाल ग्रोथ करते हैं या बढ़ते हैं उसे एनाजेन फेज कहा जाता है. किसी व्यक्ति का 90 प्रतिशत बाल इसी चरण में होता है. इसे ग्रोथ फेज भी कहा जाता है. इसके बाद विकास के अंतिम चरण में बालों की जड़ को सपोर्ट देने वाला पैपिला अलग हो जाता है. इस फेज को कैटाजेन फेज कहते हैं. यह 2 से 4 सप्ताह तक चलता है. इसके बाद आखिरी चरण आता है टेलोजेन फेज. इसमें बालों की जड़ों यानी हेयर बल्ब में खून की आपूर्ति बंद हो जाती है. इसका मतलब है कि बालों की पुरानी कोशिकाएं मर जाती है और वहां नई कोशिकाएं दोबारा से विकास के चरण में पहुंचने लगती है. इसके बाद उसी फॉलिकल में फिर से कोशिकाएं बनती हैं और नया बाल उगने लगता है. इसी प्रक्रिया के तहत हर दिन एक इंसान में 70 से 100 बाल तक झड़ जाते हैं या सिर से निकल जाते हैं. यह सामान्य प्रक्रिया है. पर सवाल है कि बाल ज्यादा क्यों झड़ते हैं और गंजापन क्यों हो जाता है. जब ग्रोथ फेज बहुत कम समय के लिए हो और कोशिकाएं सीधे टेलोजेन फेज में आ जाए तो इसका मतलब है कि बालों की कोशिकाओं में खून की सप्लाई जल्दी ही खत्म हो जाती है. जाहिर है इससे बालों को पोषण नहीं मिलेगा और बाल जल्दी मर जाएंगे. कुछ मामलों में बाल वापस आ जाते हैं लेकिन कभी-कभी यह स्थायी गंजापन बन जाता है. यही पुरुषों का गंजापन है.

वैज्ञानिक कैसे बालों को दोबारा उगाएंगे
टीओआई की खबर के मुताबिक नई जो रिसर्च हुई है वह जानवरों पर कामयाब रहा है. अब इसे इंसानों पर प्रयोग करना है. नई तकनीक में वैज्ञानिकों ने उन जैविक संकेतों की विफलता को पहचाना है जिससे बालों की जड़ें निष्क्रिय हो जाती हैं. यानी हेयर बल्ब में कोशिकाएं जल्दी-जल्दी मरने लगती है. उनका मानना है कि ये कोशिकाएं वास्तव में मरती नहीं है बल्कि नींद में चली जाती है. अब इन सोई हुई बालों की जड़ों को फिर से सक्रिय किया जा सकता है. यह खोज निकट भविष्य में दवा-रहित और सर्जरी-रहित बालों के दोबारा विकसित करने का रास्ता खोल सकती है. पर कैसे. वैज्ञानिकों ने इसके लिए कुछ संभावित तरीके सुझाए हैं. इसके तहत बालों की वृद्धि को बढ़ावा देने वाले सकारात्मक संकेतों को सक्रिय किया जाएगा और जड़ों को दबाने वाले नकारात्मक संकेतों को रोक दिया जाएगा. इसके अलावा अगर यह जीन के कारण है तो जीन थेरेपी का प्रयोग किया जाएगा. बालों की जड़ों को दोबारा से ठीक करने के लिए स्टेम सेल थेरेपी का सहारा लिया जाएगा. अब सवाल है कि स्टेम सेल थेरेपी से कैसे बालों को दोबारा उगाया जाएगा. इसके लिए वैज्ञानिक भविष्य में उसी व्यक्ति के डीएनए और आणविक प्रोफाइल के अनुसार एक खास तरह से स्टेम सेल तैयार करेगा और इसे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करा दिया जाएगा. वर्तमान में इस तरह की कई तकनीकें विकसित है. जैसे कि CRISPR, स्टेम सेल और स्मार्ट अणु इस क्षेत्र में उभरती हुई तकनीकें हैं. इसमें वाल्प्रोइक एसिड (valproic acid) और CHIR99021 जैसे नए कंपाउडों ने बाल वृद्धि के मूल मार्गों को लक्षित करने में संभावनाएं दिखाई हैं. ये छोटे अणु असली जैविक संकेतों को सक्रिय करते हैं और गलत संकेतों को दबाते हैं जिससे बाल ही नहीं कई विकारों को ठीक करने में मदद कर सकती है.

LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 18 years of professional experience. L. Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. He professed his contribution in the…और पढ़ें

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