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पंजाबी सिनेमा के ‘अमिताभ’ को जानते हैं? कभी Bollywood ने नहीं दी थी एंट्री

बॉलीवुड में यह अक्सर कहा जाता है कि केवल मेहनत ही सफलता की गारंटी नहीं होती; किस्मत का भी बड़ा हाथ होता है. कई बार कड़ी मेहनत के बावजूद अभिनेता असफल हो जाते हैं, और उनकी किस्मत में सिर्फ निराशा रह जाती है. ऐसी ही एक कहानी इस सुपरस्टार की भी है. पंजाबी सिनेमा में सफलता पाने के बाद, उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा. हालांकि उन्हें कुछ मौके मिले, लेकिन वे उनका सही फायदा नहीं उठा सके. आखिरकार, उनका सफर बी-ग्रेड फिल्मों तक सिमट कर रह गया. क्या आप इस अभिनेता का नाम बता सकते हैं?

पंजाबी सिनेमा का ‘अमिताभ’ कहलाने वाला अभिनेता
कश्मीर में जन्मे इस अभिनेता को बचपन से ही अभिनय का शौक था. उन्होंने सबसे पहले पंजाबी फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई, जहां उन्हें सफलता मिली और उन्हें पंजाबी सिनेमा का ‘अमिताभ बच्चन’ कहा जाने लगा. इस स्टारडम के साथ उन्होंने बॉलीवुड का रुख किया. अब तक नाम याद नहीं आया? यह और कोई नहीं बल्कि सतीश कौल हैं. सतीश ने बॉलीवुड में अपनी शुरुआत फिल्म अंग से अंग लगाले से की.

सतीश कौल
हालांकि, 1986 की मल्टी-स्टारर फिल्म कर्मा में दिलीप कुमार जैसे दिग्गजों के साथ स्क्रीन शेयर करने के बाद लोग उन्हें पहचानने लगे. सतीश कौल को उम्मीद थी कि यह फिल्म उनके लिए सफलता का दरवाजा खोलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पंजाबी सिनेमा में मिली जबरदस्त पहचान के बावजूद सतीश कौल बॉलीवुड में वह मुकाम हासिल नहीं कर सके. बड़े रोल न मिलने पर उन्होंने बी-ग्रेड फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया.

टीवी सीरियल्स से मिली नई पहचान
बॉलीवुड से दूरी बनाने के बाद सतीश कौल ने टेलीविज़न का रुख किया. यहां उन्हें नई पहचान मिली. बी.आर. चोपड़ा के मशहूर टीवी सीरियल महाभारत में उन्होंने भगवान इंद्र की भूमिका निभाई. इस किरदार ने उन्हें काफी प्रसिद्धि दिलाई. 80 और 90 के दशक में उन्होंने कई अन्य टीवी शो में भी काम किया. हालांकि, 90 के दशक के अंत तक बी-ग्रेड फिल्मों से तंग आकर उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी. समय बीतने के साथ सतीश का नाम बॉलीवुड में लगभग भूला दिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने पंजाब में एक एक्टिंग स्कूल भी शुरू किया, लेकिन वह ज्यादा समय तक नहीं चला.

सतीश कौल का संघर्षपूर्ण जीवन
बहुत कम लोग जानते हैं कि सतीश का निजी जीवन भी संघर्षों से भरा था. उन्होंने शादी तो की, लेकिन उनका वैवाहिक जीवन ज्यादा लंबा नहीं चला. अपने अंतिम समय में वे लुधियाना के एक वृद्धाश्रम में रहने लगे. इस दौरान उन्हें गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा और वे दूसरों पर निर्भर हो गए. उनकी तबीयत भी खराब रहने लगी, और 2021 में बीमारी के चलते उनका निधन हो गया. सतीश कौल का जीवन, जो शुरुआती सफलता और बाद के संघर्षों से भरा रहा, यह याद दिलाता है कि मनोरंजन की दुनिया कितनी अनिश्चित और चुनौतीपूर्ण हो सकती है.

Tags: Entertainment news., Local18, Special Project

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