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चित्रकूट. उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद में एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है. जहां एक महिला को बहला-फुसलाकर गांव की आशा अपने साथ अस्पताल ले गई, जहां उसने उसे नसबंदी कराने की सलाह दी. जिसके बाद महिला ने बेमन नसबंदी करा ली. महिला शरीर से काफी कमजोर थी.नसबंदी होने के बाद डॉक्टर ने उसे घर भेज दिया. घर आने पर उसकी तबियत खराब रहने लगी और चार दिन बाद जो हुआ उसे जानकर पूरे घर में चीख-पुकार मच गई. आइए जानते हैं पूरा मामला.
दरअसल, परिवार नियोजन के लिए महिला के नसबंदी कराने के चार दिन बाद महिला की मौत हो गई है. जिससे परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है. मामला मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां चार दिन पहले ग्राम पंचायत सकरौहा की रहने वाली फूलकुमारी को परिवार नियोजन के लिए महिला की नशबंदी कराने के लिए गांव की आशा बहु उसे मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाई थी. जहां कैप मे सर्जन डा सत्येद्र सिहं ने महिला का ऑपरेशन कर उसकी नसबंदी कर दी और कुछ घंटे बाद महिला की छुट्टी कर उसे घर भेज दिया. लेकिन महिला की हालत ठीक नहीं थी.
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जिसके बाद अगले दिन उसके परिजन उसे दिखाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लें गए थे, जहां डॉक्टर ने उसे दो इंजेक्शन लगाने के बाद फिर उसकी छुट्टी कर दी थी. बावजूद इसके महिला को आराम नहीं मिला और आज महिला की मृत्यु हो गई, जिससे उसके परिजनों मे कोहराम मच गया है. महिला की मौत से उसके परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है.
परिजनों का आरोप है कि कई दिनों से महिला को गांव की आशा बहला- फुसलाकर नसबंदी कराने की सलाह दे रही थी, जब महिला ने इस बारे में घर पर कहा तो उसके पति ने उसे नसबंदी कराने के लिए बहुत रोका, लेकिन एक रोज सुबह उसके गांव की आशा बहू उसकी नसबंदी कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकपुर कैम्प मे ले गई. नसबंदी होने के बाद महिला की हालत बिगड़ गई. बावजूद इसके डॉक्टर ने उसकी छुट्टी कर दी और अब उसकी मौत हो गई, जिसमें डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही है, जिसे उन्होंने मानिकपुर थाने में तहरीर देकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
Tags: Chitrakoot News, UP news
FIRST PUBLISHED : December 20, 2024, 20:34 IST
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