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महाकुंभ में भारी भीड़ और चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के बावजूद एक बुजुर्ग ने ‘बेकार व्यवस्था’ का दुखड़ा रोया. वह कहता नजर आ रहा है कि ऐसा पहले नहीं होता था, जो इस बार हो रहा है.

महाकुंभ में पहुंच रहे कई लोग अपना-अपना अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.
महाकुंभ के इस महापर्व में आपको श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आ रही है. हर दिन लाखों-करोड़ों लोग संगम के इस पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को लेकर कई तैयारियां की है. इसमें श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए टेंट लगाए गए हैं. इसके अलावा पोर्टेबल टॉयलेट्स, पानी के लिए नल जैसी कई व्यवस्थाएं की गई हैं. महाकुंभ में अपने परिवार के साथ पहुंच रहे कई लोग यहां की चाक-चौबंद व्यवस्था और तैयारियों की खूब तारीफ करते नजर आ रहे हैं. लेकिन एक बुजुर्ग ने यहां आकर ‘महाकुंभ की बेकार व्यवस्था’ का दुखड़ा रोया है. हालांकि जब आप इस बुजुर्ग की बात सुनेंगे तो आपको समझ नहीं आएगा कि आखिर इनका दुख कम कैसे किया जाए.
महाकुंभ में पहुंच रहे कई लोग अपना-अपना अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. ऐसे में एक बुजुर्ग चाचा का भी दुख वायरल हो रहा है. इस वीडियो में ये बुजुर्ग महाकुंभ की इस बार की ‘बेकार व्यवस्था’ का दुखड़ा गाते दिख रहे हैं. वायरल वीडियो में ये कहते नजर आ रहे हैं, ‘व्यवस्था बहुत खराब है. हर साल की व्यवस्था जो थी, कि जब आते थे नहाने के लिए तो कोई न कोई खो जाता था, वो कम से कम 10 साल या 15 साल बाद मिलता था. या शकंर जी का या हनुमान जी का कोई फोटो (टैटू) होता था तो उससे पहचाना जाता था कि ये हमारा लड़का है, ये हमारा संबंधी है. तब वो लेकर जाता था.’
वह आगे कहते हैं, ‘इस साल हम गए कुंभ में नहाने के लिए, हमारी औरत भी साथ थी. वो तीन बार खोई और आधा घंटा बाद पुलिस लाकर खड़ा कर दी. ये व्यवस्था बहुत खराब है. हमने तीन बार हमने उसका साथ छोड़ा, और वो तीनों बार मिल गई. अब ये व्यवस्था क्या है बताइए…’
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