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Agency:News18 Uttar Pradesh

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Cauliflower farming benefits : सर्दियों का मौसम चल रहा है. सब्जी मंडियों में फूल और पत्त गोभी छाई हुई है. हफ्ते में दो-एक बार तो आप भी इसकी सब्जी खा ही रहे होंगे. मार्केट में छाना और आपका खाना यही चीज इसकी खेती…और पढ़ें

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पारंपरिक खेती छोड़ गोभी उगा रहा बाराबंकी का ये किसान, 10 हजार से बना रहा डेढ़ लाख

एक फसल पर हो रही लाखों की कमाई

हाइलाइट्स

  • बाराबंकी के किसान बृजेंद्र कई साल से कर रहे गोभी की खेती.
  • तीन बीघे में गोभी उगाकर बृजेंद्र ने पारंपरिक खेती छोड़ी.
  • कम लागत में एक फसल पर एक से डेढ़ लाख मुनाफा.

बाराबंकी. सर्दियों के सीजन में फूल गोभी और पत्ता गोभी खूब खाई जाती है. इस मौसम में इसका उत्पादन भी खूब होता है और इसकी बिक्री भी खूब होती है. अत्यधिक डिमांड के कारण किसानों के लिए गोभी की खेती हमेशा से फायदेमंद रही है. इसकी खेती में एक और खास बात है बेहद कम लागत में और बेहद कम दिनों में फसल का तैयार हो जाना. गोभी की खेती के लिए सभी प्रकार की अच्छे जल निकास वाली भूमि उपयुक्त मानी जाती है.

बारबंकी जिले के युवा किसान बृजेंद्र यादव कई साल से पत्ता और फूल गोभी की खेती कर कम लागत में लाखों रुपये मुनाफा कमा रहे हैं. बाराबंकी जिले के बडेल गांव के रहने वाले किसान बृजेंद्र ने पारंपरिक खेती छोड़ सब्जियों की खेती करते हैं. आज वे करीब तीन बीघे में पत्ता और फूल गोभी उगा रहे हैं.

छोटे टुकड़े से शुरू

लोकल 18 से बातचीत में किसान बृजेंद्र यादव कहते हैं कि पहले वे धान-गेहूं की खेती करते थे, फिर उनके एक किसान मित्र ने सब्जियों की खेती करने की सलाह दी. बृजेंद्र ने सलाह मान ली और जमीन के छोटे से टुकड़े पर प्रायोगिक तौर पर गोभी के पौधे रोप दिए. इसमें अच्छा लाभ देखने मिला तो रकबा बढ़ा दिया. इस समय उनके पास करीब तीन बीघे में पत्ता और फूल गोभी लगी है. एक बीघे में लागत आठ से 10 हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब एक फसल पर एक से डेढ़ लाख रुपये तक हो जाता है.

उगाने की विधि

बृजेंद्र के अनुसार, इसे उगाने से लिए पहले हम पत्ता और फूल गोभी के बीजों की नर्सरी तैयार करते हैं. जब नर्सरी तैयार हो जाती है तो खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई की जाती है. फिर इसमें गोबर और वर्मी कंपोस्ट की खाद का छिड़काव कर खेत को समतल कर दिया जाता है. इसके बाद पौधों की रोपाई की जाती है. जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है तब इसकी सिंचाई करते हैं. डेढ़ से दो महीने मे फसल तैयार हो जाती है.

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पारंपरिक खेती छोड़ गोभी उगा रहा ये किसान, 10 हजार से बना रहा डेढ़ लाख

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