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Gulaab Halwa Of Rajasthan: पाली का गुलाब हलवा, 60 साल पहले मूलचंद कास्टिया की दुकान पर बना था. इसे घर पर बनाने के लिए दूध, गुलाब पत्तियां, केसर, नींबू रस, चीनी, घी और इलायची चाहिए. यह मिठाई देश-विदेश में प्रसिद…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- पाली का गुलाब हलवा 60 साल पहले बना था.
- गुलाब हलवा बनाने के लिए दूध, गुलाब पत्तियां, केसर चाहिए.
- पाली का गुलाब हलवा देश-विदेश में प्रसिद्ध है.
करीब 60 साल पहले पाली के भीतरी बाजार में स्थित जैन मार्केट के पास मूलचंद कास्टिया की मिठाई की दुकान पर इसका जन्म हुआ था. उस समय वहां केवल रबड़ी बनती थी. वहीं काम करने वाले गुलाब पुरी ने एक दिन बचा हुआ दूध शक्कर डालकर धीमी आंच पर पकाना शुरू किया. धीरे-धीरे वह दूध मावे में बदला और उसका रंग मैरून होता गया. जब उसे ठंडा करके चखा गया तो स्वाद अलग ही था. यही स्वाद आज पाली की पहचान बन चुका है और देश-विदेश तक इसकी मिठास फैली हुई है.
सबसे पहले 1 किलो फुल क्रीम दूध को तेज आंच पर उबालें. जब उबाल आ जाए तो गैस धीमी कर दें और उसमें 10-12 गुलाब की पत्तियां और 8-10 केसर के धागे डाल दें. दूध को लगातार चलाते रहें ताकि वह नीचे ना लगे. जब दूध आधा रह जाए, तो 1 नींबू का रस 2 चम्मच पानी में घोलकर धीरे-धीरे डालें. इससे दूध में दाने पड़ जाएंगे जो हलवे को खास बनाते हैं. अब दूध को थोड़ा और गाढ़ा होने दें और फिर उसमें 200 ग्राम चीनी मिला दें.
जैसे-जैसे दूध और गाढ़ा होता जाएगा, उसमें 2 चम्मच घी डालें और लगातार चलाते रहें. यह तब तक करें जब तक हलवे जैसी कंसिस्टेंसी ना आ जाए. इस दौरान इसका रंग भी बदलने लगेगा. अब इसमें 4-5 हरी इलायची कूटकर डालें और मिश्रण को घी लगी हुई थाली में निकालकर एक से डेढ़ घंटे ठंडा होने के लिए रख दें. ठंडा होने पर इसमें मनचाहे आकार में कट लगाकर परोसें.
देश और विदेशों तक फैली है मिठास
पाली का गुलाब हलवा आज सिर्फ स्थानीय मिठाई नहीं रहा. यह मिठास अब देश-विदेश तक पहुंच चुकी है. जोधपुर से लेकर राजस्थान के कई शहरों की स्वीट शॉप में यह बिकता है. कई मिठाई व्यापारी इसे फूड चेन के माध्यम से देशभर में सप्लाई कर रहे हैं. विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी जब कभी भारत आते हैं तो इसे पाली से खरीदकर अपने साथ ले जाते हैं. वहीं पाली के लोग भी अपने परिजनों को यह हलवा उपहार स्वरूप भेजते हैं. पाली का यह गुलाब हलवा सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि स्वाद और विरासत का संगम है. जब यह घर पर बनकर तैयार होता है तो यह सिर्फ खाने की चीज नहीं रह जाती, बल्कि एक यादगार अनुभव बन जाता है.
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